कुर्था.
जनता दल यूनाइटेड अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के बैनर तले बुधवार को जननायक कर्पूरी रथ कुर्था पहुंचा, जहां जदयू नेताओं ने भव्य स्वागत किया. इस मौके पर कुर्था प्रखंड के निघवा गांव में सभा आयोजित किया गया. सभा को संबोधित करते हुए जहानाबाद के पूर्व सांसद सह जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष चंदेश्वर चंद्रवंशी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने 19 वर्षों के कार्यकाल में जननायक कर्पूरी ठाकुर के विचारों और आदर्शों को जमीन पर उतारने की पहल की और उनके सपनों को साकार करने की ओर कदम बढ़ाया. उनके अथक प्रयासों से समाज के कमजोर तबकों में आत्मविश्वास पैदा हुआ और उनके भीतर विकास की भूख जगी. न्याय के साथ विकास के लक्ष्य पर पूरी निष्ठा के साथ चलते हुए उन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर की समाजवादी दृष्टि को न केवल चरितार्थ किया है, बल्कि उसे नया आयाम भी दिया है. सबसे बड़ी बात यह कि विभिन्न पिछड़ी जातियों को नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ा वर्ग के रूप में नई पहचान दी. यह जाति से जमात की ओर बढ़ने की एक नई पहल थी, जिससे इनकी राजनीतिक पहचान बनी.। आज वही अतिपिछड़ा वर्ग जदयू का सर्वाधिक महत्वपूर्ण आधार है पंचायती राज व्यवस्था एवं नगर निकाय में आरक्षण बिहार पंचायती राज अधिनियम, 2006 पारित होने के बाद बिहार पूरे देश में पहला ऐसा राज्य बना, जिसने अतिपिछड़ा वर्ग को पंचायतों में 20 प्रतिशत तक का आरक्षण दिया. इसके बाद 2007 में नगर निगमों एवं नगर निकायों में भी 20 प्रतिशत तक के आरक्षण का प्रावधान किया गया.अतिपिछड़ा वर्ग आयोग का गठन बिहार पहला राज्य है जहां वर्ष 2006 में अतिपिछड़ा वर्ग आयोग अस्तित्व में आया और 2022 में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के मार्गदर्शन के अनुसार इसे डेडिकेटेड कमीशन घोषित किया. इस मौके पर जदयू जिलाध्यक्ष मितलेश यादव, बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष राजभर जी, प्रदेश सचिव सतेंद्र कुशवाहा, जिला प्रवक्ता चांद मलिक, किसान प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष रवि शंकर कुशवाहा, करपी प्रखंड रणधीर पटेल पूर्व प्रखंड अध्यक्ष जेतेंदर कुशवाहा, राजनाथ महतो, अशोक रविदास, सोनू रजक समेत कई जदयू नेता शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

