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मानक की अनदेखी कर रहे नर्सिंग होम

जहानाबाद : जिले में कुकुरमुते की तरह फैले नर्सिंग होमों में इलाज कराने आये रोगियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. जिले में प्राइवेट नर्सिंग होम शायद ही स्वास्थ्य का मानक पूरी करते हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रही गैर सरकारी संस्थाओं की मानें तो सरकारी अस्पताल को बेहतर बनाने के […]

जहानाबाद : जिले में कुकुरमुते की तरह फैले नर्सिंग होमों में इलाज कराने आये रोगियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. जिले में प्राइवेट नर्सिंग होम शायद ही स्वास्थ्य का मानक पूरी करते हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रही गैर सरकारी संस्थाओं की मानें तो सरकारी अस्पताल को बेहतर बनाने के लिए हर संभव कोशिश की जाती है. कहने को तो उसकी व्यवस्था के मद्देनजर सरकारी और गैर सरकारी संगठनों की उस पर वक्र दृष्टि रहती है. ताकि आमजन को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मुहैया करायी जा सके. लेकिन प्राइवेट नर्सिंग होम में नो इंट्री है. मनमाने तरीके से इलाज करना और मनमाना रुपया वसूलना प्राइवेट नर्सिंग होम की फितरत है.
मोटी कमाई का अच्छा व्यवसाय : प्राइवेट नर्सिंग होम में इलाज कराना लोगों के बीच एक स्टेटस सिंबल है. सरकारी अस्पताल में खुद का इलाज कराने में हिचकते हैं. लेकिन अगर उन्हें यह जानकारी मिल जाये की जहां वह इलाज करा रहे हैं उसके वास्तविक हालात उनकी सोच के विपरीत है. तो वह खुद अपना सिर पटक लेगें. न उन्हें स्वास्थ्य की मानकता से कोई लेना देना है और न ही उन्हें मरीजों या उनके परिजनों की परवाह है. उन्हें तो बस मोटी कमाई चाहिए. जिले में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी है जिसकी वजह से आतंक का माहौल कायम हो गया है. लोग प्राइवेट नर्सिंग होम को शक की निगाह से देखने लगे हैं.
जीवन और मौत से नहीं है मतलब : प्राइवेट नर्सिंग होम में भरती मरीजों की मौत की एक मात्र वजह रही इंफेक्शन. इसके मद्देनजर चिकित्सकों की लापरवाही के कारण खूब हल्ला हंगामा भी हुआ लेकिन फिर वहीं व्यवस्था. नर्सिंग होम है कि अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा है. विडंबना यह है कि आपके जीवन और मौत से उन्हें कोई मतलब नहीं है. उन्हें तो बस गाढ़ी कमाई होनी चाहिए. मजे की बात तो यह है कि जिले में चल रहे प्राइवेट क्लिनिक या नर्सिंग होम के मालिक कोई न कोई डॉक्टर ही हैं. जिनकी बातों में आपको ऐसा लगेगा ये अपने कर्तव्य के साथ-साथ समाज के प्रति भी बहुत उतरदायी है.
मरीजों व परिजनों की नहीं है परवाह
नर्सिंग होम के निबंधन की होगी जांच : सीएस
जिले में चल रहे नर्सिंग होमो में शायद ही किसी के पास लाइसेंस हैं .उनका धंधा सेटिंग गेटिंग के आधार पर फल फूल रहा है. इसकी मॉनीटरिंग करने वाला यहां कोई नहीं है. प्राइवेट नर्सिंग होमो की मनमानी पर अंकुश लगाना जरूरी हो गया है. इस संबंध में सिविल सर्जन डाॅ. विजय कुमार ने बताया कि जिले में चल रहे अवैध नर्सिंग होमो की सूची तैयार करायी जा रही है. साथ ही उनके निबंधन की भी जांच करायी जा रही है .जो नर्सिंग होम संचालक मानक का पालन करते नहीं पाये जायेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

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