जहानाबाद : बस स्टैंड परिसर में दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत शहरी आश्रय विहीनों के लिए करीब 50 लाख की लागत से दोमंजिला आश्रय स्थल का निर्माण हुआ था. दो साल से ज्यादा समय गुजर गया, लेकिन अभी तक इसका ताला नहीं खुला है.
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गरीबों के आश्रय में लगा है ताला सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी
जहानाबाद : बस स्टैंड परिसर में दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत शहरी आश्रय विहीनों के लिए करीब 50 लाख की लागत से दोमंजिला आश्रय स्थल का निर्माण हुआ था. दो साल से ज्यादा समय गुजर गया, लेकिन अभी तक इसका ताला नहीं खुला है. निर्माण के बाद इसे नगर पर्षद को […]
निर्माण के बाद इसे नगर पर्षद को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया अधर में लटके होने के कारण आश्रय स्थल बंद पड़ा है. इस आश्रय स्थल में 100 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. एक हॉल के अलावा छोटे-छोटे कमरे हैं जहां आर्थिक रूप से कमजोर, बेसहारा, बेघर लोगों को बसेरा उपलब्ध कराया जाना है. वहीं गरीब यात्रियों को भी बेहद कम दर पर यहां बेड उपलब्ध किया जाना है.
क्या हैं सुविधाएं : इस आश्रय स्थल में बेड, चादर, कंबल, तकिया, मच्छरदानी, पंखा, टेलीविजन, इंवर्टर, लॉकर, ट्रंक, टेबल, कुर्सी, वाटर प्यूरीफायर, ड्रिकिंग वाटर, लॉकर के साथ स्टील अलमीरा, सीसीटीवी कैमरा, महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय और स्नानागार की भी सुविधा है.
वहीं न्यूनतम शुल्क पर यहां आश्रय लिये लोगों को भोजन भी उपलब्ध करवाया जाना है लेकिन भवन के निर्माण के बाद तीसरी ठंड का आगमन हो चुका है पर शहर के बेघर इस ठंड में भी खुले में जीवन बिताने को मजबूर होंगे.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
आश्रय स्थल के हस्तांतरण नगर पर्षद को न हो पाने से बेघरों को आश्रय उपलब्ध नहीं हो पा रहा था. दो-तीन दिनों के अंदर ही आश्रय स्थल बेघरों के लिए खुल जायेगा. वहीं जरूरत के हिसाब से अस्थायी आश्रय स्थल बनाने के प्रबंध किये जा रहे हैं
मुकेश कुमार, इओ, नगर पर्षद, जहानाबाद
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