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असामाजिक तत्वों पर नजर बनाये हुए है प्रशासन

जहानाबाद : हालात इस कदर बिगड़ गया कि प्रशासन को समझ में ही नहीं आ रहा था कि आखिर मामले को शांत कैसे कराया जाये. पंचमहल्ला में दो पक्षों में हुई रोड़ेबाजी के बाद पुलिस द्वारा किसी तरह हालात को काबू में किया गया तथा घायलों को सदर अस्पताल लाया गया. इधर, नया टोला के […]

जहानाबाद : हालात इस कदर बिगड़ गया कि प्रशासन को समझ में ही नहीं आ रहा था कि आखिर मामले को शांत कैसे कराया जाये. पंचमहल्ला में दो पक्षों में हुई रोड़ेबाजी के बाद पुलिस द्वारा किसी तरह हालात को काबू में किया गया तथा घायलों को सदर अस्पताल लाया गया. इधर, नया टोला के समीप पूजा समिति के लोग इस कदर उग्र दिख रहे थे कि वे सड़कों पर उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते दिखे.इस घटना के बाद जिला प्रशासन असामाजिक तत्वों पर पैनी नजर रख रहा है़

इधर, पंचमहल्ला की कच्ची मस्जिद के समीप हुई रोड़ेबाजी में पुलिसकर्मी रविशंकर एवं धनंजय कुमार के अलावा राधारमण प्रसाद, अमन कुमार, सुधीर कुमार, रघु कुमार, विकास कुमार, राजकुमार, बिट्टू समेत कई लोग घायल हो गये. यहां तक कि एसएसबी का एक जवान जब घटना की वीडियोग्राफी कर रहा था, उसे भी उपद्रवियों ने अपने कोपभाजन का शिकार बनाकर मोबाइल बंद करने पर मजबूर कर दिया. शहरी क्षेत्र के टोले-मुहल्ले में घूम-घूम कर दुकानों को जलाने वाले उपद्रवी एक जैसे लिबास में दिख रहे थे. सभी नकाबपोश थे.
उनके चेहरे की शिनाख्त करना भी पुलिस के लिए एक चुनौती से कम नहीं होगा. इधर शहर में बिगड़े माहौल के बाद वतीस भंवरिया के समीप कुछ अराजक तत्वों द्वारा सब्जी विक्रेताओं की दुकानों में आग लगा दी गयी जिसे देखने गये राजद नेता अलाउद्दीन राइन को भी आक्रोशित लोगों का शिकार बनना पड़ा.
आक्रोशित लोगों ने उनकी जमकर पिटाई कर दी, जिसके बाद स्थानीय विधायक सुदय यादव द्वारा उन्हें सदर अस्पताल में एडमिट कराया गया.इधर, शहर को अशांत होने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस के जवानों को जगह-जगह तैनात करा दिया गया.
हालांकि इसका कोई खास असर नहीं दिखा जिसके बाद मगध प्रमंडल के आइजी पारसनाथ, एडीजे लाइन एंड आॅर्डर अमित कुमार के अलावा अरवल के एसपी राजीव रंजन भी दल-बल के साथ पहुंचे तथा हंगामा वाले स्थानों पर मोर्चा संभाला. हालांकि पुलिस पदाधिकारियों के मान-मनौअल का भी कोई असर नहीं दिखा जिसके बाद बड़ी संख्या में रैफ तथा एसएसबी के जवानों को बुलाया गया.
जवानों ने शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर अपना कब्जा जमाया तथा लोगों को सड़क से हटाने में जुट गये. मामले को बिगड़ते देख प्रशासन द्वारा भी धारा 144 लागू कर दी गयी तथा ध्वनि विस्तारक यंत्र से उद्घोषणा करायी गयी कि कहीं भी समूह में लोग एकत्रित नहीं रहें और न ही बिना आवश्यक काम के कोई घर से बाहर निकले. लोग धीरे-धीरे अपने-अपने घरों में दुबकने लगे जिसके बाद सड़कों पर सन्नाटा पसर गया.
जनप्रतिनिधियों को भी कोपभाजन का बनना पड़ा शिकार : कुछ जनप्रतिनिधि व राजनीतिक दलों के नेता द्वारा लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया गया, लेकिन लोगों ने उनकी बात सुनने के बजाय उन्हें ही अपना कोपभाजन का शिकार बना दिया.
स्थानीय विधायक सुदय यादव ने भी लोगों से अपील की कि लोग शांति बनाये रखें. उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे. वहीं जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव नयन उर्फ राजू सिंह को भी लोगों को कोपभाजन का शिकार बनना पड़ा.
न्यूज कवरेज कर रहे पत्रकार को पीटा
उपद्रव का आलम इस कदर था कि न्यूज कवरेज कर रहे पत्रकारों को भी बख्सने के मूड में नहीं दिख रहे थे. फोटोग्राफी, वीडियो रिकाॅर्डिंग करनेवाले लोगों पर उपद्रवियों का झुंड टूट पड़ता था. इस दौरान शिवाजी पथ के समीप एनएच पर एक अखबार के संवाददाता को भी उपद्रवियों ने अपना निशाना बनाते हुए मोबाइल छीन कर चकनाचूर कर दिया. साथ ही लाठी-डंडे से पिटाई कर उक्त पत्रकार का हाथ तोड़ दिया.

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