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न सीसीटीवी कैमरे न कोई शस्त्र
अनदेखी. रेलवे परिसर में सुरक्षा उपायों की हो रही अनदेखी जेल ब्रेक की घटना के बाद वापस ले लिये गये थे शस्त्र जहानाबाद : पटना-गया रेलखंड के जहानाबाद रेलवे स्टेशन को भले ही मॉडल स्टेशन का दर्जा दिया गया हो, लेकिन यहां यात्रियों की सुरक्षा का कोई विशेष इंतजाम नहीं किया गया है. उक्त रेलखंड […]
अनदेखी. रेलवे परिसर में सुरक्षा उपायों की हो रही अनदेखी
जेल ब्रेक की घटना के बाद वापस ले लिये गये थे शस्त्र
जहानाबाद : पटना-गया रेलखंड के जहानाबाद रेलवे स्टेशन को भले ही मॉडल स्टेशन का दर्जा दिया गया हो, लेकिन यहां यात्रियों की सुरक्षा का कोई विशेष इंतजाम नहीं किया गया है. उक्त रेलखंड में यात्रियों की सुरक्षा रामभरोसे है.
सुरक्षा के नाम पर जो रेल पुलिस उपलब्ध है, उनके पास अपराधियों से निबटने के लिए मात्र लाठी का ही सहारा है, जिसकी बदौलत रेल यात्रियों की रखवाली की जाती है. बता दें कि पटना-गया रेलखंड में तकरीबन 100 किलोमीटर की दूरी तय कर ट्रेनों से प्रतिदिन हजारों यात्री आवागमन करते हैं. रेलों में अक्सर चोर-उचक्कों का गिरोह सक्रिय रहता है. सवारी गाड़ियों में रेल पुलिस पैट्रोलिंग तो करती है लेकिन अस्त्र के नाम पर महज लाठी से अपराधियों से निबटना खतरनाक स्थितियों को भी उत्पन्न करता है.
अगर कोई बात बिगड़ जाये या वारदात हो जाये तो संदिग्धों को ढूंढ़ने में लोग देर शाम के बाद कोताही बरतते हैं. परिसर से लेकर प्लेटफॉर्म तक पॉकेटमार, नशाखुरानी गिरोह, छिनतई करने वाला गिरोह सक्रिय रहता है. ट्रेनों में स्नैचिंग की घटनाएं भी होती हैं. यहां उल्लेखनीय है कि जहानाबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म न. 03 की पश्चिम तरफ चहारदीवारी भी नहीं है.
इस कारण असामाजिक तत्वों का आना-जाना प्लेटफॉर्म पर लगा रहता है, जिनके पास घातक हथियार भी रहते हैं. सुरक्षा व्यवस्था लाठीधारी जीआरपी और आरपीएफ के जवानों के हवाले हैं. विशेष परिस्थिति में लोकल पुलिस की सहायता ली जाती है . बता दें कि पूर्व के दिनों में असामाजिक तत्वों ने स्टेशन के पश्चिम दिशा से प्लेटफॉर्म पर पथराव किया था. रेल पुलिस पर भी पत्थर फेंके गये थे. चूंकि अस्त्र के रूप में महज लाठी रहने से उस वक्त पुलिस असहाय होकर रह गयी थी. जहानाबाद रेल थाने में फिलहाल थानाध्यक्ष का पद रिक्त है. इसके अलावा एक एसआई और दो एएसआई हैं, जिनमें एक एएसआई के पास साधारण रिवॉल्वर है.
इसके अलावा उक्त थाने में चार हवलदार और सात सिपाही कार्यरत हैं जिनके पास अस्त्र के रूप में लाठी ही है. रेलवे परिसर में अब तक कहीं भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया है.
जहानाबाद स्टेशन परिसर में सुरक्षा का हाईटेक इंतजाम रेल प्रशासन द्वारा किया जाना चाहिए था. इसके तहत जगह-जगह सीसीटीवी कैमरा लगाने के साथ ही प्रवेश और निकास द्वार पर मेटल डिटेक्टर का भी इंतजाम किया जाना चाहिए था लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है.
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