जमुई. जिले में महिलाओं की भूमिका अब केवल सहभागिता तक सीमित नहीं रही, बल्कि वे नेतृत्व के नये आयाम गढ़ रही हैं. महिला संवाद कार्यक्रम ने ग्रामीण महिलाओं को एक ऐसा मंच प्रदान किया है, जहां वे अपने अनुभव, समस्याएं और समाधान खुलकर साझा कर रही हैं. 18 अप्रैल से शुरू हुए इस कार्यक्रम में अब तक 80 हजार से अधिक महिलाओं की भागीदारी हो चुकी है. कार्यक्रम के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वावलंबन जैसे मुद्दों पर महिला समूहों में चर्चा हो रही है. जीविका से जुड़ी महिलाएं न केवल अपनी सफलताओं की कहानी बता रही हैं, बल्कि योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही व्यावहारिक समस्याओं को भी उजागर कर रही हैं. अलीगंज प्रखंड में रेखा देवी ने ग्राम संगठन की बैठक के लिए जीविका भवन की मांग उठायी. उन्होंने बताया कि सामुदायिक भवनों पर पुरुषों का कब्जा होने के कारण उन्हें खुले में या घरों में बैठक करनी पड़ती है. यह मांग जिले के लगभग सभी प्रखंडों से सामने आयी है. गिद्धौर के कुंधूर पंचायत की महिलाओं ने परिक्रमी निधि को 30 हजार से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये करने की मांग की, जबकि पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए उन्नत गाय और पशुशेड की सुविधा अनुदान पर उपलब्ध कराने की बात भी रखी. महिलाओं ने पंचायत स्तर पर पुस्तकालय, खेल मैदान और स्वास्थ्य उपकेंद्र जैसी बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकता भी जोरदार ढंग से उठाई. उनका मानना है कि ऐसी सुविधाओं से उनके बच्चों को शिक्षा और खेल दोनों में बेहतर अवसर मिलेंगे. 7 मई को जिले के 22 गांवों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 5,000 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया. अब तक कुल 429 ग्राम संगठनों में यह संवाद कार्यक्रम हो चुका है. 8
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