जमुई.
जिला परिषद् सभागार में शनिवार को शिक्षा समिति की बैठक शिक्षा समिति अध्यक्ष धर्मदेव यादव की अध्यक्षता में हुई. बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी-सह-सचिव, शिक्षा समिति, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी पारस कुमार, सोनी कुमारी, सीमा कुमारी, अमृतेश कुमार सहित जिले भर के शिक्षा एवं तकनीकी पदाधिकारी उपस्थित रहे. बैठक की शुरुआत में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी पारस कुमार को यूपीएससी में चयनित होने पर बुके देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर शिक्षा समिति अध्यक्ष धर्मदेव यादव ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बिना समाज और राज्य का विकास संभव नहीं है. सरकार शिक्षा पर सबसे अधिक बजट खर्च करती है, इसलिए इसका प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है. उन्होंने शिक्षकों की उपस्थिति पर संतोष जताते हुए कहा कि अब शारीरिक उपस्थिति के साथ-साथ मानसिक रूप से छात्रों की शिक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है. नियमित निगरानी के लिए प्रत्येक माह विद्यालय शिक्षा समिति की बैठक अनिवार्य करने पर बल दिया गया. बैठक में नामांकन की स्थिति पर चर्चा करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष 19,000 नामांकन के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 13,000 नामांकन हो चुके हैं. शेष लक्ष्य को पूरा करने हेतु विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया.बैठक में जिले के 489 विद्यालयों को पोषण वाटिका के लिए एवं मरम्मति, रंग-रोगन, विद्युत व्यवस्था हेतु राशि आवंटित किए जाने की जानकारी दी गयी. सदस्यों ने इस राशि के उपयोग में लापरवाही पर चिंता जताई. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि जिले में 82 नए विद्यालयों के लिए इकाई स्वीकृत की गई है. इस पर विभिन्न सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों में विद्यालय स्थापना की मांग रखी. साथ ही खैरा के पीवी काश्मीर को मिडिल स्कूल में उत्क्रमित करने एवं विद्यालयों के खराब चपाकलों की मरम्मति हेतु विभाग को सक्रिय होने का निर्देश दिया गया. बैठक में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 600 बच्चों के निजी विद्यालयों में नामांकन की जानकारी दी गई, जिसे समिति अध्यक्ष ने अपर्याप्त बताते हुए शिक्षा का अधिकार कानून के तहत 25 प्रतिशत आरक्षण के अनुपालन पर जोर दिया. बैठक के अंत में यूपीएससी में चयनित पारस कुमार ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए विभाग के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों और अभिभावकों को भी जागरूक होना होगा.
बैठक में चार प्रमुख एजेंडों पर चर्चा हुई
हर पंचायत में एक मॉडल स्कूल की स्थापना.छात्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति एवं ड्रेस कोड का अनुपालन सुनिश्चित कराना.
बिना मान्यता चल रहे निजी विद्यालयों का पंजीकरण रद्द करना एवं पंजीकृत विद्यालयों को मापदंड के अनुसार संचालित करना.एससी, एसटी, ओबीसी, बीपीएल व अल्पसंख्यक छात्रों के लिए संचालित छात्रावासों में शत-प्रतिशत नामांकन और सुविधा उपलब्ध कराना.
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