जमुई. ऋतु वसंत, मास चैत्र, पक्ष शुक्ल, तिथि प्रतिपदा और दिवस रवि की भोर की चौखट पर जब पूर्व दिशा में सूर्य उदीयमान हो रहा था, तो वासंतिक नवरात्र के साथ नववर्ष संवत्सर 20281 भी प्रारंभ हो रहा था. शक्ति की आराधना के लिए मंदिरों में कलश की स्थापना हो रही थी. इसके उपरांत भगवती मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैल पुत्री की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना होने लगी. घरों के द्वारों के साथ विभिन्न चौक-चौराहों पर भगवा ध्वज के साथ नववर्ष का स्वागत किया जा रहा था. स्त्री-पुरुष, बच्चे व बुजुर्ग मां शैलपुत्री से अपने जीवन में शांति, समृद्धि तथा समष्टि के लिए कल्याण की कामना की. मुख्यालय के बोधबन तालाब स्थित श्री श्री 108 चैती वैष्णवी दुर्गा मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रों उच्चारण के साथ कलश स्थापना की गयी. इसके उपरांत दुर्गा सप्तशती का पाठ प्रारंभ किया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

