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बेटी के तिलक के लिए दादा-दादी को लाने जा रहा था पिता, ट्रेन में संदिग्ध हालत में हो गयी मौत

अपनी बेटी के तिलक समारोह में शामिल होने आ रहे एक पिता की ट्रेन में ही मौत हो गयी. मृतक की पहचान सिकंदरा थाना क्षेत्र के नारायणपुर निवासी 50 वर्षीय चंद्रिका यादव के रूप में हुई है.

बेटी के तिलक से पहले पिता की मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़ जमुई. अपनी बेटी के तिलक समारोह में शामिल होने आ रहे एक पिता की ट्रेन में ही मौत हो गयी. मृतक की पहचान सिकंदरा थाना क्षेत्र के नारायणपुर निवासी 50 वर्षीय चंद्रिका यादव के रूप में हुई है. बताया जाता है कि वह पश्चिम बंगाल के चितरंजन से इंटरसिटी एक्सप्रेस से अपने घर लौट रहा था. इसी दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. बेटी के तिलक की खुशी कुछ ही घंटों में मातम में बदल गयी और परिवार सदमे में है. झाझा जीआरपी ने परिजनों को सूचना दी और मंगलवार को शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतक चंद्रिका यादव झारखंड के चितरंजन में परिवार के साथ रहते थे और खटाल चलाकर दूध बिक्री का कार्य करते थे. उनका मूल घर जमुई के सिकंदरा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव में है. 30 नवंबर को बेटी का तिलक होना था, जिसके चलते घर में खुशी का माहौल था. घटना के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. पत्नी सुनीता देवी ने बताया कि तिलक के खर्च के लिए मजबूरी में एक गाय 30 हजार रुपये में बेचनी पड़ी थी और वही पैसा उन्होंने अपने पति को दिया था ताकि वह जमुई जाकर अपने माता-पिता को चितरंजन ले जा सकें. सुनीता देवी ने बताया कि उनके पति अपनी बेटी की शादी भी नहीं देख पाए और अब घर चलाने की जिम्मेदारी किसके सहारे निभाई जायेगी. मृतक के दो बेटे और एक बेटी का भी रो-रोकर हाल बेहाल है. बेटा पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि सोमवार को पिता इंटरसिटी ट्रेन से चितरंजन से जमुई के लिए निकले थे. दोपहर करीब एक बजे झाझा रेल पुलिस ने फोन कर उनकी मौत की सूचना दी. यह खबर मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया और सभी तुरंत झाझा पहुंचे जहां पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. झाझा जीआरपी ने प्रारंभिक जांच में इसे स्वाभाविक मौत माना है. हालांकि, पुलिस मामले की सभी परिस्थितियों की जांच कर रही है. ट्रेन में मौत कैसे हुई, इसके कारणों का स्पष्ट पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा. परिवार और गांव के लोग इस घटना से स्तब्ध हैं क्योंकि कुछ ही दिनों बाद घर में बेटी की रस्में शुरू होने वाली थीं. गांव के लोगों के अनुसार चंद्रिका यादव मेहनती और परिवार के प्रति अत्यधिक जिम्मेदार व्यक्ति थे. उनकी अचानक हुई मौत ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे गांव को शोक में डूबा दिया है. परिजन प्रशासन से पूरी घटना की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं ताकि मौत की सही वजह सामने आ सके.

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