सोनो. अच्छे संस्कार आध्यात्मिक और बौद्धिक विकास में सहायक होते हैं. इसलिए हमें पहले अपने में अच्छे संस्कार लाना चाहिए ताकि हम अपने बच्चों में भी अच्छे संस्कार दे सकें. अच्छे संस्कार से ही श्रेष्ठ समाज का निर्माण हो सकता है. उक्त बातें शनिवार की रात्रि सोनो में चल रहे 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के दौरान शांतिकुंज हरिद्वार से आये विद्वान आचार्यों ने वैदिक संस्कारों की महत्ता पर चर्चा करते हुए कही. संत आचार्यों का प्रवचन सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गये. आचार्यों ने बताया कि भारतीय संस्कृति में संस्कारों का विशेष स्थान है. जन्म से लेकर जीवन के विभिन्न चरणों तक किए जाने वाले 16 प्रमुख संस्कारों की जानकारी देते हुए वक्ताओं ने कहा कि समाज में नैतिकता और सद्गुणों को बढ़ावा देने में संस्कार का बड़ा योगदान है. यह हमारे साथ साथ पूरे परिवार व समाज के जीवन शैली और सोच को सकारात्मकता से भर देता है. वक्ताओं ने जीवन जीने की कला पर भी चर्चा किया. वहीं श्रद्धालुओं ने हवन कर वातावरण को शुद्ध करने और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने का संकल्प लिया. कार्यक्रम में भजन, प्रवचन और विशेष अनुष्ठान भी हुए. आयोजकों ने बताया कि हर दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. 31 मार्च को इस महायज्ञ का समापन होगा.
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