जमुई : बिना निबंधन के शहर में संचालित निजी कोचिंग संस्थान के खिलाफ शिक्षा विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई की है. वर्तमान में इस दायरे में 15 कोचिंग संस्थान को लिया गया है. इस बाबत जिला शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार हिमांशु ने बताया कि जिला पदाधिकारी के निर्देशानुसार बनाये गये टीम के सदस्यों ने शहर के 15 कोचिंग संस्थान का जायजा लिया.
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शहर के 15 निजी कोचिंग संस्थान पर हुई कार्रवाई
जमुई : बिना निबंधन के शहर में संचालित निजी कोचिंग संस्थान के खिलाफ शिक्षा विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई की है. वर्तमान में इस दायरे में 15 कोचिंग संस्थान को लिया गया है. इस बाबत जिला शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार हिमांशु ने बताया कि जिला पदाधिकारी के निर्देशानुसार बनाये गये टीम के सदस्यों ने शहर […]
जहां एक भी संस्थान निबंधित नहीं मिला. डीइओ हिमांशु ने कहा कि बिहार कोचिंग संस्था नियंत्रण एवं विनियम 2010 के आलोक में ऐसे संस्थान को एक सप्ताह के भीतर जिला शिक्षा कार्यालय को स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. ताकि अग्रेतर कार्रवाई में विलंब ना हो.
कोचिंग संस्थान के निबंधन का है नियम . जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि बेहतर शिक्षा की आड़ में ऐसे कोचिंग संस्थान अभिभावक से अवैध रूप से पैसे वसूलते हैं. लेकिन विभाग के पास इसकी कोई जानकारी नहीं होती है. उन्होंने बताया कि विभागीय निर्देश के मुताबिक संस्थान के शुभारंभ के एक माह के भीतर तीन वर्ष के लिए पंजीयन कराना अनिवार्य है. इसके लिए 5 हजार रुपये का शुल्क आवश्यक कागजात के साथ देना होता है. उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम निर्धारण की स्थिति स्पष्ट कर छात्रों की संख्या भी बताना अनिवार्य होता है.
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि संस्थान में अध्यापन के लिए शिक्षक की न्यूनतम योग्यता स्नातक होना चाहिए. साथ ही गैर सरकारी शिक्षक या सेवानिवृत्त शिक्षक द्वारा अध्यापन का कार्य कराया जाना चाहिए. अधिनियम में संस्थान का आधारभूत संरचना जिसमें प्रति छात्र एक वर्ग मीटर का वर्ग कक्ष, पर्याप्त संख्या में बेंच डेस्क, समुचित प्रकाश, पेयजल, शौचालय, स्वच्छता, जल निकासी, अग्निशमन, आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था तथा वाहन के पार्किंग की व्यवस्था होना अनिवार्य है.
उन्होंने बताया कि नियम का उल्लंघन करने पर प्रथम बार 25 हजार रुपये, दूसरा बार एक लाख रुपये का जुर्माना तथा आगे अन्य कठोर कार्रवाई करने की बात कही गयी है. बताते चलें कि बेहतर शिक्षा की आड़ में शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के गली मुहल्ला में सैकड़ों की संख्या में ऐसे शिक्षण संस्थान कार्यरत हैं.
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