जमुई : गुरुवार को दिन भर डीएम आवास परिसर में धरना पर बैठी वत्सला सिंह अधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद देर रात परिसदन पहुंची. इस दौरान वत्सला सिंह के साथ उनके चाचा, मां, उनकी चचेरी बहन वंदना सहित योगश नाम का एक अन्य वयक्ति था. योगेश अपने आपको वत्सला सिंह का मुंहबोला भाई बात रहे थे. योगेश ने इस मामले में दूरभाष से जानकारी देते हुए बताया कि शाम होते ही अधिकारियों का दबाव उनलोगों पर बढ़ने लगा. उन्हें जिलाधिकारी आवास से हटने का दबाव दिया जा रहा था.
योगेश के अनुसार अपर समाहर्ता कुमार संजय के द्वारा मोबाइल से जमुई जिलाधिकारी सह वत्सला सिंह के पति धर्मेंद्र कुमार से बात करायी गयी. उनके द्वारा सात दिन के बाद बैठ कर बात करने के आश्वासन के बाद वत्सला सिंह धरना से उठ कर परिसदन पहुंची. योगेश के अनुसार शुक्रवार की सुबह अधिकारियों ने जिला सीमा तक पहुंचा कर जाने को कहा. उसके बाद वे लोग पटना लौट गये. इधर, इस संबंध में पूछे जाने पर एडीएम कुमार संजय ने कहा कि उनके द्वारा ऐसा कुछ नहीं किया गया है. वे लोग क्या कह रहे हैं, इस बावत उन्हें जानकारी नहीं है.
मुझे मेरा अधिकार मिलना चाहिए : वत्सला
वर्तमान में जिलाधिकारी के पद पर रहे धर्मेंद्र कुमार से मेरा सात जन्मों का रिश्ता है. मैं उनके बिना जिंदा नहीं रह सकती हूं. मैं उनकी धर्मपत्नी हूं, इसलिए मुझे मेरा अधिकार मिलना चाहिए.
कोर्ट का निर्णय मानने को तैयार : डीएम
जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार बताते हैं कि इस संदर्भ उनलोगों से किसी तरह की वार्तालाप नहीं हुआ है. हमलोगों के बीच का मामला कोर्ट में लंबित है. कोर्ट का जो भी निर्णय होगा उसे मानने को तैयार हूं.