सिकंदरा : बदहाल यातायात व्यवस्था, शराब के नशे में ड्राइविंग व तेज रफ्तार के कारण सड़कों पर चलने वाले लोगों की जान सांसत में पड़ती नजर आ रही है. वहीं सड़कों पर तेज रफ्तार में वाहनों से फर्राटा भरते नौसिखिये चालक व जर्जर हो चुके खटारा वाहनें भी नित्य नये हादसों को आमंत्रण दे रहे हैं. जिसके कारण हाल के दिनों में थाना क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की बाढ़ आ गयी है. सिकंदरा थाना क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं के कारण वर्ष 2018 के दो महीने में ही आधा दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है
वहीं दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं. लेकिन लगातार हो रहे सड़क दुर्घटनाओं को रोकने एवं यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रशासन द्वारा आज तक कोई ठोस पहल नहीं किया गया. लिहाजा दुर्घटनाएं लगातार बढ़ती चली जा रही हैं और आमजनों को इन दुर्घटनाओं का शिकार होना पड़ रहा है.
सड़कों पर तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं नौसिखिये चालक
सड़क हादसों के इजाफे का सबसे बड़ा कारण तेज रफ्तार है. कम उम्र युवा तेज रफ्तार वाहन चलाने के साथ नियम कानूनों को भी ताक पर रख देते हैं. लिहाजा पैदल यात्रियों समेत दूसरे वाहन चालकों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाती है. हर क्षेत्र, सड़क आदि के लिए रफ्तार की सीमा तय की गयी है उसका सख्ती से अनुपालन कराये जाने की आवश्यकता है. इसके अलावा वाहन चालकों द्वारा शराब के नशे में गाड़ी चलाना भी सड़क हादसों का एक प्रमुख कारण है.
चालकों द्वारा शराब के नशे में वाहन चलाने के कारण थाना क्षेत्र में कई बड़े हादसे हो चुके हैं जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है. वहीं पुराने व अनफिट वाहनों का भी धड़ल्ले से परिचालन सड़क हादसों का एक प्रमुख कारण साबित हो रहा है. ऐसे अनफिट व पुराने वाहनों की रोक के लिए प्रशासन की ओर से भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.
सड़क पर अतिक्रमण के कारण भी बढ़
रहीं दुर्घटनाएं
बदहाल यातायात व्यवस्था का आलम यह है कि आज सड़कों के किनारे ही वाहनों की पार्किंग हो रही है. सड़क पर आड़े तिरछे गाड़ियों को खड़ी कर व फुटपाथी दुकानदारों द्वारा सड़क का अतिक्रमण किया जाना भी सड़क हादसों का एक बड़ा कारण साबित हो रहा है. इसके अलावा कई जगहों पर ईंट, बालू, गिट्टी व अन्य सामान को सड़क पर रखकर सड़क का अतिक्रमण किया जाना भी सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण है.