Indian Railway: बिहार और उत्तर भारत में बढ़ते कोहरे ने रेल संचालन पर बड़ा असर डाला है. पूर्व मध्य रेल से खुलने और गुजरने वाली 52 ट्रेनों को इस बार रद्द करना पड़ा है, जिससे लाखों यात्रियों की यात्रा योजनाएं प्रभावित होंगी. दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच करीब 45 लाख यात्री सफर नहीं कर सकेंगे.
वहीं तेजस, संपूर्ण क्रांति, राजधानी और विक्रमशिला जैसी प्रमुख ट्रेनों के एसी फर्स्ट में 6 जनवरी तक सीटें फुल हो गई हैं. दूसरी ओर, दानापुर मंडल से गुजरने वाली कई ट्रेनें घने कोहरे के कारण 2 से 7 घंटे तक की लेट-लतीफी का सामना कर रही हैं.
रेलवे का दावा है कि फॉग सेफ डिवाइस सभी इंजनों में मौजूद है, लेकिन कोहरा अत्यधिक घना होने पर ट्रेन की रफ्तार कम हो जाती है, जिससे पासिंग और पंक्चुअलिटी पर भारी असर पड़ रहा है.
52 ट्रेनें रद्द, 45 लाख यात्रियों की योजना गड़बड़
कोहरे को देखते हुए पूर्व मध्य रेल ने 52 ट्रेनों को रद्द करने का निर्णय लिया है. इनमें से 20 ट्रेनें पटना से खुलने या गुजरने वाली हैं. इन ट्रेनों के रद्द रहने की अवधि 1 दिसंबर 2025 से 28 फरवरी 2026 तक निर्धारित की गई है. पिछले साल दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच 48 ट्रेनें बंद की गई थीं, लेकिन इस बार संख्या और बढ़ गई है.
इसका सीधा असर यात्रियों की सुविधा पर दिख रहा है. दिल्ली रूट की प्रमुख ट्रेनों,तेजस राजधानी, संपूर्ण क्रांति, राजधानी एक्सप्रेस, विक्रमशिला और पूर्वी एक्सप्रेस के एसी फर्स्ट कोच में 6 जनवरी तक वेटिंग ही वेटिंग है. यात्रियों को मजबूरी में वेटिंग टिकट खरीदना पड़ रहा है.
रेलवे के सीपीआरओ सरस्वती चंद्र ने कहा कि “फॉग सेफ डिवाइस सभी इंजनों में लगी है, लेकिन घने कोहरे में स्पीड कम हो जाती है. पासिंग में दिक्कत आती है, इसलिए कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ता है.
कौन-कौन सी ट्रेनें रद्द की गईं?
इस बार जिन प्रमुख ट्रेनों को पूरी तरह रद्द किया गया है, उनमें हावड़ा–देहरादून उपासना एक्सप्रेस, मालदा टाउन–नई दिल्ली एक्सप्रेस, पूर्णिया कोर्ट–अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस, कामाख्या–गया और कामाख्या–आनंद विहार एक्सप्रेस, हटिया–आनंद विहार एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनें शामिल हैं.
इसके अलावा गरीब रथ एक्सप्रेस, नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस, महानंदा एक्सप्रेस, न्यू जलपाईगुड़ी–नई दिल्ली एक्सप्रेस, पाटलिपुत्र–लखनऊ और पाटलिपुत्र–गोरखपुर एक्सप्रेस जैसी कई ट्रेनों को सप्ताह में कुछ दिन रद्द किया गया है.
इन बंदिशों के कारण दिल्ली और कोलकाता रूट पर सबसे ज्यादा भीड़ बढ़ गई है.
घना कोहरा और ट्रेनें 7 घंटे तक लेट
ठंड की शुरुआत के साथ ही कोहरा ट्रेनों की रफ्तार कमजोर करने लगा है. पटना और दानापुर मंडल से गुजरने वाली कई ट्रेनें 2 से 7 घंटे तक देरी से चल रही हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेन नंबर 12370 कुंभ एक्सप्रेस 6 घंटे 51 मिनट लेट पहुंची. इसी तरह विभूति एक्सप्रेस लगभग 3 घंटे देर से आई. आनंद विहार–राजगीर फेस्टिवल स्पेशल करीब 6 घंटे देर से चली, जबकि राजगीर मेमू दो घंटे से अधिक लेट रही.
हावड़ा पंजाब मेल, फरक्का एक्सप्रेस, इस्लामपुर–हटिया एक्सप्रेस और हिमगिरि एक्सप्रेस भी 30 मिनट से लेकर 1.5 घंटे तक की देरी से पटना पहुंचे.
रेलवे अधिकारियों की रिपोर्ट बताती है कि दानापुर मंडल की पंक्चुअलिटी अब 80% के आसपास पहुंच गई है, जो पहले 85% से अधिक रहती थी. हालांकि यह स्थिति उत्तर भारत के दूसरे मंडलों की तुलना में बेहतर है, जहां बनारस मंडल में समय पालन केवल 65% तक गिर गया है.
फॉग सेफ डिवाइस मौजूद, लेकिन रफ्तार पर ब्रेक
हर इंजन में फॉग सेफ डिवाइस लगी है, जो लोकोपायलट को कोहरे में सुरक्षित संचालन में मदद करती है. लेकिन जब कोहरा अत्यधिक घना होता है, तो ट्रेन की रफ्तार सीमित कर दी जाती है ताकि दुर्घटनाओं की आशंका न रहे.
रफ्तार कम होने पर ट्रेनें पासिंग स्टेशन पर विलंब से पहुंचती हैं और इससे आगे की ट्रेनों का शेड्यूल बिगड़ने लगता है. यही वजह है कि रेलवे को कई ट्रेनों को रद्द करने का कठिन फैसला लेना पड़ा है.
दिल्ली रूट पर सबसे ज्यादा दबाव
पटना से दिल्ली जाने वाली ट्रेनों पर इस समय सबसे अधिक दबाव है. प्रमुख ट्रेनों में सीटें 6 जनवरी तक फुल हैं. यात्रियों की भीड़ सामान्य से 30% तक बढ़ी है और लंबी दूरी की टिकटों पर वेटिंग की लंबी कतारें लगी हुई हैं.

