हाजीपुर/बिदुपुर. जिला प्रशासन की लाख कोशिशों और सख्ती के बावजूद जिले में राजस्व से जुड़े मामलों में गड़बड़ी की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही है. जमीन की दाखिल-खारिज, परिमार्जन आदि भूमि से जुड़े मामलों में रिश्वतखोरी और बिचौलियों के हावी होने की लगातार शिकायतें मिल रही है. इन मामलों में कार्रवाई भी हो रही है, बावजूद इसके गड़बड़ी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है.
सोमवार की दोपहर विजिलेंस की टीम ने बिदुपुर अंचल कार्यालय में कार्यरत डाटा इंट्री ऑपरेटर आदित्य कुमार को 12 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. आरोपित ने मथुरा पंचायत के सरपंच शैलेंद्र कुमार की दो जमीन की दाखिल-खारिज के लिए पहले 20 हजार रुपये की मांग की थी. बाद में मामला 12 हजार रुपये में तय हुआ. पीड़ित की शिकायत पर विजिलेंस डीएसपी बिंध्याचल प्रसाद के नेतृत्व में चार गाड़ियों से पहुंची टीम ने डाटा एंट्री ऑपरेटर को घूस लेते पकड़ा. यह गिरफ्तारी भूमि से जुड़े मामलों के निष्पादन में व्याप्त भ्रष्टाचार और आवेदकों को की जा रही परेशानियों को उजागर करती है.कार्यालय छोड़कर भागे अधिकारी और कर्मचारी
सोमवार की दोपहर जैसे ही विजिलेंस की टीम ने डाटा एंट्री ऑपरेटर को घूस लेते पकड़ा, अंचल और प्रखंड कार्यालय में अफरातफरी मच गयी. पदाधिकारियों के साथ-साथ प्रखंड नाजिर, प्रधान सहायक सहित अधिकांश कर्मचारी अपनी सीट छोड़कर कार्यालय से बाहर निकल गये. हालांकि बाद में विजिलेंस अधिकारियों के बुलावे पर धीरे-धीरे सभी कर्मचारी कार्यालय लौट आये. इस दौरान करीब एक घंटे तक अफरातफरी का माहौल बना रहा.कई बिचौलियों के खिलाफ दर्ज हो चुकी हैं प्राथमिकी
जिले के विभिन्न अंचल कार्यालयों में सक्रिय बिचौलियों के विरुद्ध जिला प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. लेकिन न तो रिश्वतखोरी की शिकायतें थम रही हैं और न ही बिचौलियों की मनमानी रुक रही है. बीते 26 मार्च को लालगंज के रेपुरा में सदर एसडीओ के नेतृत्व में की गयी छापेमारी में एक मकान से तीन लाख आठ हजार रुपये नकद, भूमि से संबंधित कई दस्तावेज, अंचल कार्यालय से जुड़े कागजात, लैपटॉप और कई मोबाइल बरामद किए गए थे. मोबाइल में भूमि से संबंधित डीड, दस्तावेज और चैटिंग मिली थी. इस मामले में तीन आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया था.वहीं, 27 मार्च को महनार एसडीओ ने चांदपुरा थाना पुलिस के साथ चैनपुर नन्हाकार गांव में एक बिचौलिया के निजी कार्यालय पर छापेमारी की. वहां से भारी मात्रा में सरकारी कागजात बरामद हुए, जिनमें नया-पुराना केवाला, परिमार्जन से संबंधित दस्तावेज, क्षतिग्रस्त पंजी, सर्वे अभिलेख, दाखिल-खारिज वाद संख्या से जुड़े कागजात और मूल आवेदन पंजी शामिल थे. जांच में एक राजस्व कर्मचारी की संलिप्तता भी सामने आयी थी.
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