गोपालगंज. गांजा बरामदगी के पांच साल पुराने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम कैलाश जोशी के कोर्ट ने यूपी के दो तस्करों को दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष के कारावास व एक-एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर दोनों को एक-एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भी काटनी पड़ेगी. अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक एनडीपीएस ललन द्विवेदी और बचाव पक्ष के अधिवक्ता रामाश्रय राय की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सजा सुनायी. थावे थाने की पुलिस ने 11 अक्तूबर 2020 को सीवान-गोपालगंज रोड पर बड़हरिया के नजदीक बंगरा पेट्रोल पंप के पास से कुशीनगर जिले के तरेया सुजान थाने के अहिरौली दान गांव के शंभू यादव तथा फागू छापर गांव के उमेश मिश्रा को कार पर लदे 29 किलोग्राम गांजे के साथ गिरफ्तार किया था. मामले को लेकर तत्कालीन थानाध्यक्ष विशाल आनंद के बयान पर दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. कांड के आइओ की तरफ से आरोप पत्र समर्पित किये जाने के बाद मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी.
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