गोपालगंज.सिधवलिया थाना क्षेत्र के शेर गांव के देवेंद्र महतो देवेंद्र महतो का कहना है कि 16 फरवरी 2023 को एक बजे दिन में मेरे पुत्र संतोष कुमार महतो, पतोह पूनम देवी एवं अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर गाली-गलौज व लाठी से मारपीट कर मुझे और मेरी पत्नी को घर से बाहर निकालकर ताला मार दिया. रूम में रखे हमारे सारा बर्तन, कपडा, गहना, नकद दो हजार रुपये चुरा लिये. गांव में भीख मांगकर अपना पेट भरा. कई दिनों तक खुले आसमान के नीचे सोया. फिर भी उनको दया नहीं आयी.
कभी बेटी, तो कभी ससुराल में रहकर गुजार रहे दिन
बैकुंठपुर थाने के बहरामपुर में कभी बेटी गीता देवी व मीरा के घर सीवान जिले के जगदीशपुर पंचपकडियां के घर तो कभी सीवान के सरेया में पत्नी प्रेमा देवी के साथ पिछले तीन वर्षों से शरण ले रहे. देवेंद्र महतो ने कहा कि बेटा की शादी जब बघेजी में की उसके बाद से ही परिवार बिखरने लगा. छोटा बेटा को भी मारपीट कर भगा कर घर पर कब्जा कर लिया.
क्या कहता है कानून
कानूनविद वेद प्रकाश तिवारी ने बताया कि घर परिवार में बेगाने होते जा रहे बुजुर्गों की स्थिति पर उच्चतम न्यायालय ने भी चिंता व्यक्त की है. शीर्ष अदालत ने दिसंबर, 2018 में केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि बुजुर्गों के हितों की रक्षा के लिए 2007 में बनाये गये ‘माता पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण कानून’ के प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाये.
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