गोपालगंज. थावे-गोरखपुर व थावे-छपरा रेलखंड के दोहरीकरण व ट्रेनों के परिचालन का मुद्दा सोमवार को राज्यसभा में गूंजा. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन मिश्र ने राज्यसभा में थावे से गोरखपुर रेलखंड के सिंगल लेन होने के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि गोपालगंज की आबादी 32 लाख से अधिक होने व कुशीनगर जिले की आबादी 45 लाख से अधिक होने के साथ ही सारण का सुदूर ग्रामीण इलाका ट्रेनों के सुविधा से वंचित हो रहा. यह रूट दैनिक बड़ी जनसंख्या को जोड़ने के साथ- साथ आर्थिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण होने के बाद भी एकल रेलखंड पर संचालन हो रहा है. इस रेलखंड पर सुपर फास्ट ट्रेनों का परिचालन नहीं हो पा रहा है. क्राॅसिंग के कारण रेलगाड़ियां देर से चलती हैं. मालगाड़ियां भी देर तक खड़ी रहती हैं. ऐसे में किसानों व उद्योगों को प्रभावित करता है. बढ़ती जनसंख्या व बढ़ती मांग को देखते हुए वर्तमान में सिंगल रेल लाइन अपर्याप्त हो चुकी है. यह रेलखंड का दोहरीकरण अब विकास का विषय नहीं बल्कि आवश्यकता बन गया है. इस रेल मार्ग का देश के बडे शहरों से घनिष्ठ संपर्क है. गोरखपुर व छपरा जैसे रेलखंड में भारी ट्रेनों का दबाव रहता है. ऐसे में इस रेलखंड का दोहरीकरण होने से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जायेगा. रेलवे की सुविधा नहीं होने के कारण यहां के लोगों को गोरखपुर व सीवान जाकर ट्रेनों का यात्रा करना पड़ रहा है. नतीजा है कि कई लोगों को समय पर नहीं पहुंचने से ट्रेन छूट जाती है, तो कई लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है. ट्रेनों का परिचालन डबल लाइन नहीं होने के कारण नहीं मिल पा रहा है. राज्यसभा सांसद ने कहा कि क्या सरकार के पास इसका दोहरीकरण कराने की योजना है, तो कब तक. नहीं तो क्यों नहीं?
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