फुलवरिया. प्रखंड के फुलवरिया गांव स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के परिसर में श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन अयोध्या से पहुंचे संत श्रीराम अवध शुक्ल जी महाराज ने पंडाल में संगीतमय प्रवचन के दौरान भजन सुनाया. उन्होंने सात जन्मों के दुख कट जायेंगे आज सरयू के तट मुस्कुरायेंगे गीत गाकर पंडाल में उमड़े श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके बाद मंदिर के पुजारी अभिषेक दास के अलावा गुड्डू राय, अवधेश राय, सुरेश राय तथा नर्सिंग गुप्ता सहित अन्य ने राघव की आरती की.
भगवान से बड़ा होता है भक्त
संत श्रीराम अवध शुक्लजी महाराज ने राम भक्त हनुमान के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान से भक्त बड़ा होता है. हनुमानजी महान योद्धा के साथ-साथ ज्ञानी भी थे और अपनी चतुराई के साथ रावण के सोने की लंका का दहन कर यह अवगत करा दिया था कि जिनका भक्त इतना बलशाली है, तो उनसे आप किसी तरीके से पार नहीं पा सकते हैं और आप सीता माता को वापस कर अपनी गलती की माफी मांग लें, लेकिन अपनी राक्षसी प्रवृत्ति के कारण रावण ने माफी मांगने से इन्कार कर दिया. उन्होंने कहा कि अत्याचारी का अंत बुरा होता है. रावण के एक लाख पुत्र और सवा लाख नाती थे. उनका भी अंत अत्याचारी की वजह से हुआ. उन्होंने कहा कि घर में रामचरितमानस की कम से कम पांच चौपाई जरूर पढ़ें. जीवन में बुराई को त्याग कर सच्चाई की तरफ बढ़ने की प्रेरणा लें. यज्ञ की व्यवस्था में मुख्य रूप से अवधेश राय, गुड्डू राय, प्रिंस राय, सुरेश राय, रामायण प्रसाद गुप्ता, सुबोध साह, श्रीराम साह तथा नरसिंग गुप्ता के अलावा अन्य ग्रामीण जुटे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है