गोपालगंज. कालाजार के नियंत्रण एवं बचाव के लिए जिले में प्रथम चक्र का छिड़काव फरवरी से अप्रैल 2025 के मध्य 14 प्रखंडों में कालाजार आक्रांत चिह्नित 114 ग्रामों और आठ वार्डों में सघन रूप से सिंथेटिक फेथ्रोइड छिड़काव कराया जाना है. इसमें 3,72,368 जनसंख्या के 67,677 घरों को लक्ष्य मानते हुए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 25-25 छिड़काव दलों द्वारा माइक्रो प्लान के अनुसार 18 फरवरी से प्रारंभ किया गया है, जो कुल अधिकतम साठ कार्य दिवस में पूर्ण किया जायेगा.
कालाजार एवं पीकेडीएल के संभावित लक्षण होने पर कराएं जांच
छिड़काव के संबंध में रविवार को डीएम प्रशांत कुमार सीएच ने जिलावासियों से अपील की कि छिड़काव के लिए निर्धारित तिथि को सक्रिय सहयोग प्रदान करते हुए निश्चित रूप से छिड़काव कराएं. कालाजार से बचने के लिए उन्होंने आग्रह किया कि कालाजार एवं पीकेडीएल के संभावित लक्षण होने पर अपने नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर समय से जांच एवं उपचार कराना सुनिश्चित करें तथा छिड़काव के दौरान छिड़काव कर्मियों को सहयोग करते हुए सभी कमरों और गोशालाओं में गुणवत्तापूर्ण छिड़काव कराना सुनिश्चित करें.
कालाजार क्या है और यह बीमारी कैसे फैलती है?
कालाजार एक घातक बीमारी है और इसकी प्रगति काफी धीमी होती है. अगर इसका समय पर उपचार नहीं किया जाये, तो दो साल के भीतर ज्यादातर मरीजों की मृत्यु हो जाती है. यह बीमारी आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाती है, जहां लोग झोपड़ियों और मिट्टी के घरों में रहते हैं और अपने घरों के आसपास मवेशियों को रखते हैं. यह बीमारी ज्यादातर गरीब तबके के लोगों को होती है.
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