भोरे. जगत तुम्हारे पक्ष में हो और जगदीश पक्ष में न हों, तो तुम्हारा नाश कोई रोक नहीं सकेगा. रामनगर में आयोजित पांच दिवसीय हनुमंत कथा को सुनाते हुए पंडित धीरेंद्र धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जहां जहां कीर्तन होता है वहां वहां हनुमान जी मिलते हैं. हनुमान जी का आना शुभ होता है.
सभी जगह विराजमान हैं हनुमान
उन्होंने आगे कहा कि सुंदर कांड ही सुंदर क्यों है. क्योंकि एक यही वह कांड है जिसमें देवकी ने हनुमान जी को बेटा कहा है. हनुमान जी सबकी इच्छा पूर्ति करते हैं. वे सब जगह हैं. हनुमान जी के भरोसे रहोगे, तो सब इच्छित काम संपन्न हो जायेगा. रामजी की कृपा से सत्संग मिलेगा. सत्संग से मिलेंगे संत तथा संत के संग से हनुमंत मिलेंगे और हनुमंत से प्रभु श्री राम मिलेंगे. खुद का माइनस प्वाइंट जान लेना ही आदमी का प्लस प्वाइंट है. कथा में उन्हें आगे कहा कि भगवान जो भी करते हैं अच्छे के लिए करते हैं. इसलिए यदि कोई ठोकर लग जाये, तो यह नहीं समझ लेना चाहिए कि भगवान हैं ही नहीं. यदि प्रतिदिन हमने कथा से एक बात भी अपने जीवन में उतार लिया, तो हमारा कल्याण हो जायेगा. कथा सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी. इस दौरान उन्होंने भोजपुरी में भजन सुनाकर दर्शकों का मन मोह लिया.
हम जब बिहार आते हैं, तो कुछ लोगों के पेट में दर्द होने लगता है
बाबा ने कथा की शुरुआत में कहा कि जब बिहार में आने का कार्यक्रम बनता है, तब कुछ लोगों के पेट में दर्द होने लगता है और लोग अनाप-शनाप करने लगते है, तो मैं सबको बता दूं कि मैं किसी पार्टी का नहीं हूं. मेरे एक ही उद्देश्य है कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है और सबको सीताराम का भगत बनाना है. उन्होंने आगे कहा कि बिहार में कुछ लोग हमें गाली दे रहे हैं, तो मैं उनको बता दूं कि आप जितनी गाली दीजिएगा, मैं उतना ही बिहार में कथा करते रहूंगा और ज्यादा गाली दीजिएगा, तो मैं बिहार में घर बना कर बस जाऊंगा.बागेश्वर पीठाधीश्वर का रामनगर में हुआ भव्य स्वागत
बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज गोपालगंज के रामनगर में हनुमंत कथा के लिए पधारे. बाबा बागेश्वर यूपी के कुशीनगर से सड़क मार्ग से संध्या के लगभग 5 बजे मठ पर आये, जहां मठ के मठाधीस हेमकांत जी महाराज व अन्य संतजनों के द्वारा बागेश्वर बाबा का स्वागत किया गया, तब महाराज श्री मठ के अंदर गये व पूजा -र्चना करने के बाद सीधे मंच पर आ गये व कथा की शुरुआत की.रामनगर में आठ को दिव्य दरबार
पांच दिनों तक चलने वाले इस कथा में देश के कोने-कोने से लोग पहुंच रहे हैं. आलम ये है कि देश के कई राज्यों से श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं, जो पांच दिनों तक यहीं रह कर कथा का रसपान करेंगे. इसके अलावा मंच से उन्होंने ऐलान किया कि आठ मार्च को सुबह 10 बजे से दो बजे तक दिव्य दरबार लगेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है