गोपालगंज. रमजान में सभी को अपनी गलतियों को सुधारने का मौका मिलता है. गलतियों से तोबा करने और अच्छाइयों के बदले बरकत पाने के लिए भी इस महीने इबादत का महत्व है. जामा मस्जिद के इमाम सइदुल्लाह कादिरी बताते हैं कि रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं. अल्लाह रोजेदारों और इबादत करनेवालों की हर दुआ कबूल करता है और इंसान को उसके गुनाहों से माफी मिलती है. रमजान में जकात का महत्व खासा बढ़ जाता है. जकात का मतलब है अपनी कमाई का करीब ढाई फीसद गरीबों में बांटना. ईद से पहले फितरा दिया जाता है, जिसमें परिवार का प्रत्येक इंसान ढाई किलो के हिसाब से गेंहू या उसकी कीमत की रकम इकट्ठा कर जरूरतमंदों में बांट देता है.
रामपुरी टोपी का क्रेज
रमजान में नयी टोपी का महत्व है. बड़ी बाजार के इमरान ने बताया कि इस बार बाजार में अफगान, इंडोनेशिया, तुर्की के अलावा रामपुरी टोपी की भरमार है. 25 से 500 रुपये तक की कढ़ी टोपी खूब पंसद की जा रही है. रामपुरी टोपी की ज्यादा मांग है. सऊदी के आसन और रूमाल की भी फरमाइश है.
इत्र-सुरमे की बढ़ी मांग
रमजान में इत्र और सुरमे के साथ नये कपड़ों का महत्व होता है. इस्लामियां के फिरोज खां बताते हैं कि बाजार में सुरमा-इत्र की बिक्री में इजाफा हुआ है. गुलाब, फिरदौस जन्नेतुल, मजमुआ की खूब मांग हो रही है.
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