गोपालगंज. गंडक नदी का दियारा शराब माफियाओं के लिए सेफ जोन बना है. शराब माफियाओं के बड़े नेटवर्क को ध्वस्त करने में प्रशासन सफल नहीं हो पा रहा. बैकुंठपुर के दियारे में कदम-कदम पर शराब की भट्ठियां धधक रही हैं. जब-जब यहां छापेमारी होती है, वहां दो-चार भट्ठियों को जब्त कर ध्वस्त किया जाता है.
दियारे की बनावट की लाभ उठा रहे शराब माफिया
प्रशासन की कार्रवाई के बाद भी माफियाओं के हौसले पस्त नहीं हो रहे हैं. वहां शराब बनाने व बेचने का बड़ा नेटवर्क मजबूत है. नदी के किनारे खर-पतहर, बेहाया, झाड़ियों की झुरमुट के बीच पहुंचना बड़ा मुश्किल हो जाता है. चाहकर भी पुलिस व उत्पाद विभाग की टीम नहीं पहुंच पा रही. एक तरफ नदी तो दूसरी ओर कई किमी दूर तक फैली रेत व झाड़ी में शराब बनाकर बाजारों को सप्लाइ की जा रही है. उत्पाद विभाग की छापेमारी में शराब बनाने वाले, कारोबार में जुड़े लोग हाथ नहीं आते है. दियारे की बनावट की लाभ सीधे शराब माफिया उठा रहे हैं. शुक्रवार को भी बैकुंठपुर पुलिस ने खुफिया इनपुट पर सब इंस्पेक्टर असरफ अली खान व श्यामदेव सिंह की टीम ने पुलिस बल के साथ उसरी में नारायणी नदी के किनारे छापेमारी की. वहां से जमीन के भीतर बालू की रेत में शराब की तीन भट्ठियों को जब्त किया गया. उसमें से 10 हजार लीटर अर्धनिर्मित शराब मिली. ड्रम, शराब बनाने वाले केमिकल भी जब्त हुआ. इसे ध्वस्त करते हुए शराब को नष्ट कर दिया. पुलिस के आने के पहले माफिया भाग निकले थे.
दियारे में जनवरी से अब तक 18 भट्ठियों को किया गया ध्वस्त
पुलिस के आंकड़ों पर नजर डालें, तो जनवरी से अबतक नौ बार उत्पाद विभाग ने ऑपरेशन चलाया. इसमें 18 शराब की भट्ठियों को ध्वस्त किया जा चुका है. वहीं आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन, उत्पाद विभाग के लिए यह इलाका बड़ी चुनौती बना हुआ है.दियारे के शराब माफियाओं तक पहुंचने की चुनौती
बैकुंठपुर के सक्रिय दियारा में शराब माफियाओं तक पहुंचने में पुलिस नाकाम रही है. माफियाओं तक पहुंचने की बड़ी चुनौती है. पुलिस कप्तान अवधेश दीक्षित ने बताया कि दियारा के एक- एक संदिग्ध तस्करों पर पुलिस की नजर है. खुफिया तरीके से उनकी कुंडली को खंगाला जा रहा है. जल्दी ही माफिया गिरफ्त में होंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है