फुलवरिया. फुलवरिया प्रखंड मुख्यालय से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित ऐतिहासिक छठ घाट, जो कभी बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की आस्था का केंद्र माना जाता था, आज बदहाली की मार झेल रहा है. 90 के दशक में दीपों की जगमगाहट और हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ से आलोकित रहने वाला यह घाट अब झाड़ियों, कीचड़ और जलभराव से घिर गया है. घाट की सीढ़ियां घास और गंदगी से पटी हैं, जिससे श्रद्धालुओं के लिए स्नान और अर्घ्य अर्पण करना मुश्किल हो गया है. सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप है. लाइटिंग की कोई व्यवस्था नहीं होने से अंधेरे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रखंड प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से शिकायत की गयी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. आश्चर्य की बात है कि यह घाट प्रखंड कार्यालय और अन्य सरकारी भवनों से कुछ ही दूरी पर है, फिर भी प्रशासन की अनदेखी जारी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले छठ पर्व पर अधिकारी स्वयं घाट का निरीक्षण करते थे और सफाई, लाइटिंग व सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था रहती थी. आज वही घाट जीर्ण-शीर्ण स्थिति में पहुंच गया है. आगामी छठ पर्व को देखते हुए ग्रामीणों और व्रतियों ने प्रशासन से तत्काल सफाई और मरम्मत कराने की मांग की है.
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