कुचायकोट. लगातार बढ़ रही कड़ाके की ठंड ने कुचायकोट प्रखंड में आम जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है. हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बावजूद प्रमुख चौक व चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है, जिससे प्रशासनिक उदासीनता साफ नजर आ रही है. बाजारों में दुकानदार अपनी ओर से आग जलाकर किसी तरह ठंड से बचाव कर रहे हैं, लेकिन यह व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है. कुचायकोट बाजार सहित प्रखंड के विभिन्न इलाकों में ठंड का प्रकोप चरम पर है. रोजमर्रा के काम से आने वाले लोग, राहगीर, मजदूर और गरीब तबके के लोग खुले आसमान के नीचे ठंड झेलने को मजबूर हैं. यदि किसी कारणवश रात में रुकना पड़ जाये, तो ठहरने या ठंड से बचने की कोई व्यवस्था नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि हर वर्ष ठंड में अलाव जलाने के दावे किये जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट रहती है. इस वर्ष भी अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है. जरूरतमंद और बेसहारा लोग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं.
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