भोरे. भोरे में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा-परायण कार्यक्रम का शुभारंभ कथावाचिका भक्ति किरण शास्त्री द्वारा किया गया. प्रथम दिवस के उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा कि जब-जब मन उद्विग्न होता है और जीवन का मार्ग अटक जाता है, तब “श्रीमद्भागवत का ज्ञान ही अमृत रसायन बनकर” व्यक्ति को दिव्यता की ओर ले जाता है. उद्घाटन सत्र में उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत श्लोक-मंत्रों का मात्र संग्रह नहीं, बल्कि प्रभु के तेज का आद्यतम रूप है. उन्होंने कहा, भागवत भगवान स्वयं श्री हरि हैं, ‘प्रत्यक्षा वर्तते हरि’. उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि कथा को पूर्ण श्रद्धा-भक्ति से सुनें, क्योंकि कथा स्थल स्वयं एक तीर्थ बन जाता है. कार्यक्रम आरंभ होने से पूर्व मुख्य यजमान शंभू शरण द्विवेदी ने विधिवत भागवत भगवान व व्यासपीठ पूजा कर कथा का स्वागत किया. इसके बाद सुविख्यात संत विश्वंभर दास जी महाराज ने प्रथम दिवस का भागवत पारायण सम्पन्न कराया. समारोह का संचालन द्विजेंद्र पांडेय ने किया, जबकि माल्यार्पण किरण देवी ने किया. मौके पर सुभाष शुक्ल, पूर्व मुखिया कपिल देव प्रसाद, रमेश मद्धेशिया, भृगुनाथ शुक्ल, ललन तिवारी, संतोष मिश्र, गोपाल साह, परेश सिंह, बैद्यनाथ शुक्ल, सुनील राम, शेषनाथ मद्धेशिया, अभिषेक त्रिपाठी, संजय आर्यन, शंभू ओझा, मनीष सिंह, अरविंद मिश्र, विनोद सिंह, हिमांशु मिश्र, आनंद मिश्र सहित सैकड़ों श्रद्धालु व गणमान्य उपस्थित रहे. आयोजक राजेंद्र कुमार द्विवेदी ने बताया कि यह कार्यक्रम आगामी छह दिनों तक चलता रहेगा.
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