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कुचायकोट में एक ट्रक शराब जब्त
कुचायकोट : पुलिस ने शुक्रवार को एक ट्रक शराब जब्त की है. प्याज में छुपा कर शराब की खेप बिहार लायी जा रही थी. पुलिस को देख चालक हाइवे पर ट्रक को छोड़ कर भाग निकला. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सूचना के आधार पर भटवा मोड़ के पास कुचायकोट के थानाध्यक्ष राकेश कुमार व […]
कुचायकोट : पुलिस ने शुक्रवार को एक ट्रक शराब जब्त की है. प्याज में छुपा कर शराब की खेप बिहार लायी जा रही थी. पुलिस को देख चालक हाइवे पर ट्रक को छोड़ कर भाग निकला. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सूचना के आधार पर भटवा मोड़ के पास कुचायकोट के थानाध्यक्ष राकेश कुमार व एसआइ प्रद्युम्न सिंह पुलिस बल के साथ वाहन जांच कर रहे थे.
पुलिस ने एक ट्रक को रोकने का इशारा किया, लेकिन चालक ट्रक को भगाने लगा, तो पुलिस उसका पीछा करने लगी. उधर सासामुसा से पुलिस अधिकारी विनोद कुमार यादव कुचायकोट लौट रहे थे. सामने से पुलिस को आते देख सासामुसा दाहा नदी के पास एनएच-28 पर ट्रक को खड़ा कर चालक भाग गया. पुलिस ने ट्रक की जांच की, तो उस पर प्याज भरा हुआ था. भीतर 340 कार्टन में 10,872 बोतल राॅयल स्टैग की शराब थी.
इस मामले में ट्रक के मालिक के खिलाफ कुचायकोट थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. शराब की खेप कहां जा रही थी, इसका पता नहीं चल सका है. इससे पहले गुरुवार की देर शाम उत्पाद अधीक्षक प्रिय रंजन के नेतृत्व में कुचायकोट थाना क्षेत्र के यूपी बॉर्डर पर बथनाकुटी के पास मुजफ्फरपुर आ रही एक ट्रक शराब को जब्त किया गया था. होली के दिन से पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम ने शराब की चौथी खेप जब्त की है.
मैट्रिक के शिक्षक कर रहे इंटर की कॉपियों की जांच
बिहार बोर्ड ने कदाचार मुक्त परीक्षा कराने का दावा किया. अधिकारियों ने बोर्ड के निर्णय के अनुरूप परीक्षा को कदाचार मुक्त बनाया. जब कॉपियों की जांच की बारी आयी तो बोर्ड की धांधली छात्रों के भविष्य को दावं पर लगा दिया है. प्रभात खबर की टीम द्वारा कॉपियों की जांच के लिए बनाये गये केंद्रों पर घंटों पड़ताल के बाद यह चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आयी है.
संजय कुमार अभय
गोपालगंज : आप भी चौक जायेंगे. थोड़ी देर के लिए आप इसे मजाक समझेंगे. लेकिन बात सोलह आने सच है. इंटरमीडिएट की कॉपियों की जांच की जिम्मेवारी मैट्रिक के शिक्षकों को सौंपी गयी है. जो कॉपी जांच के लिए अयोग्य हैं. अब ऐसे गुरुजी इंटर की कॉपियों की जांच करेंगे. इनकी जांच पर कितना भरोसा किया जायेगा.
क्या यह छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं है. गोपालगंज में इंटरमीडिएट की कॉपियों की जांच के लिए दो परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. जिनमें लगभग पांच सौ परीक्षकों को तैनात किया गया है. इनमें दो तरह के परीक्षक है. एक को एग्जामिनर और दूसरा हेड एग्जामिनर. लगभग 350 मैट्रिक के शिक्षकों को तैनात कर दिया गया है. यह गड़बड़ी बिहार बोर्ड की तरफ से की गयी है. बोर्ड के अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया है. बोर्ड की गड़बड़ियों पर शिक्षा विभाग ने भी चुप्पी साध ली है. जिसके कारण इन दोनों केंद्रों पर जांच होने वाली कॉपियों की गुणवत्ता संदेह के कटघरे में है.
िदया गया था सुधार का मौका
ऑनलाइन शिक्षकों की सूची भरने में स्कूल प्रशासन ने गलती की है. सारा काम स्कूलों और कॉलेजों को ही दिया गया था. सुधार का मौका भी दिया गया है. लेकिन, स्कूल प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया.
आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार बोर्ड
ऑनलाइन भर दिया माध्यमिक शिक्षकों के नाम : बिहार बोर्ड की ओर से ऑनलाइन शिक्षकों की सूची कॉलेज और स्कूलों से मांगी गयी थी. कॉलेज स्तर पर तो दिक्कत नहीं हुई, लेकिन उच्च विद्यालय स्तर पर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक दोनों ही स्कूलों के शिक्षकों की सूची ऑनलाइन भेजनी थी, लेकिन विद्यालय प्रशासन ने गलती से ऑनलाइन सूची भेजने में उच्च माध्यमिक शिक्षकों की जगह माध्यमिक शिक्षकों की सूची भेज दी.
7,533 उच्च विद्यालयों में हुई हैं गड़बड़ी : शिक्षकों की सूची में गड़बड़ी प्रदेश भर के 7,533 उच्च विद्यालयों में आयी है. समिति सूत्रों की मानें, तो स्कूल स्तर पर यह गड़बड़ी बहुत ज्यादा हुई है. चूंकि, अब इसमें अधिक सुधार नहीं किया जा सकता है. इसके लिए दोबारा सूची तैयार करनी होगी. इसमें समय लगेगा.
क्या कहता है नियम
कॉपियों की जांच के लिए बिहार बोर्ड की तरफ से बनाये गये नियम पर गौर करें तो तीन वर्ष तक जिस विषय में शिक्षक को पढ़ाने का अनुभव है. उन्हीं को कॉपियों की जांच की जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है. इंटरमीडिएट के कॉपियों की जांच करने वालों की योग्यता स्नातकोत्तर होना अनिवार्य है.
बाेर्ड की तरफ से हुई गड़बड़ी
इंटर की कॉपियों की जांच के लिए बोर्ड की तरफ से परीक्षकों की तैनाती की गयी है. यह गड़बड़ियां भी वही से हुई है. इसमें स्थानीय स्तर पर किसी तरह का फेर बदल नहीं किया जा सकता है.
अशोक कुमार, डीइओ, गोपालगंज
राम रतन शाही उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जादोपुर के प्राचार्य उमाशंकर मिश्र प्लस टू के मैथिली विषय के शिक्षक है. इनको महेंद्र महिला कॉलेज पर कॉपियों की जांच में तैनात करते हुए हिंदी की कॉपी जांच करने के लिए जिम्मेवारी सौंपी गयी है. उसी तरह वीएम इंटर कॉलेज में मैट्रिक के छात्रों को पढ़ाने के लिए तैनात शिक्षक संतोष कुमार को इंटर की कॉपी जांच के लिए तैनात किया गया है. दहीभाता हाइ स्कूल के रिटायर्ड प्राचार्य जर्नादन प्रसाद को कमला राय कॉलेज में तैनात किया गया है. उनके कार्य काल में प्लस टू की पढ़ाई उस विद्यालय में नहीं होती थी. यह तीन केश सिर्फ नमूना के तौर पर आपके समक्ष रखा गया है. ऐसे कई मामले हैं.
नागेंद्र श्रीवास्तव
गोपालगंज : थोड़ी देर के लिए आपका भी सर चकरा जायेगा. बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों की जांच के लिए स्वर्ग से गुरुजी उतर कर आयेंगे और कॉपियों जांचेंगे. स्वर्गवासी गुरुजी को भी बिहार बोर्ड ने कॉपी जांचने के लिए ड्यूटी लगा रखी है. इस ड्यूटी को लेकर परिजन परेशान हैं. उनके सामने समस्या है कि गुरुजी को कहां से कॉपी जांचने के लिए भेंजे. कॉलेज और विभाग का चक्कर लगाना पड़ रहा है. यह मामला है महेंद्र महिला कॉलेज का
यहां तैनात प्रो किरण सिन्हा की मौत 2008 में हो चुकी है. इनके पति बीएसएनएल के डीइटी से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. प्रो किरण सिन्हा को इंटर की कॉपी जांचने के लिए महेंद्र महिला कॉलेज पर बनाये गये केंद्र पर तैनात किया गया है. पत्र मिलते ही परिजन परेशान हो उठे. वे कॉलेज पहुंचे जहां से उन्हें डीइओ कार्यालय भेजा गया. विभाग के अधिकारी भी हैरत में पड़ गये.
दूसरा एक और धांधली की पहलू पर नजर डालिये. इसी कॉलेज में तैनात पूनम सिन्हा सात आठ वर्ष पूर्व तबादला होकर जेपी विवि के पीजी विभाग में चलीं गयी. उनको भी महेंद्र महिला कॉलेज का प्रो बता कर कॉपी जांच करने के लिए तैनात कर दिया गया है.
कहां से हुई चूक शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन कॉलेज और हाइ स्कूलों में तैनात शिक्षकों का ब्योरा मांगा था. इस ब्योरा को एक माह पूर्व सभी संस्थानों के प्राचार्यों द्वारा अपडेट किया गया. महेंद्र महिला कॉलेज के प्राचार्य के द्वारा शिक्षकों की सूची को अपडेट नहीं किये जाने के कारण बिहार बोर्ड की तरफ से इन शिक्षकों को कॉपी जांच के लिए तैनात कर दिया गया है.
बोर्ड से हुई गड़बड़ी : डीइओ
डीइओ अशोक कुमार ने बताया कि महेंद्र महिला कॉलेज में गड़बड़ी बिहार बोर्ड की है जो नहीं है वह कॉपी कहां से जांच करेगा. इसमें स्थानीय स्तर पर कोई संलिप्तता नहीं है. गड़बड़ी अगर यहां से हुई रहती को तत्काल कार्रवाई की जाती.
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