उदासीनता . जच्चे-बच्चे की मौत के चार दिन बाद भी नहीं सील हुआ नर्सिंग होम
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पैसों के लिए जान से िखलवाड़
उदासीनता . जच्चे-बच्चे की मौत के चार दिन बाद भी नहीं सील हुआ नर्सिंग होम शहर से लेकर गांव तक में अवैध नर्सिंग होम फैले हैं. नर्सिंग होम में लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग इस पर शिकंजा कस पाने में विफल साबित हो रहा है. गोपालगंज : फर्जी नर्सिंग […]
शहर से लेकर गांव तक में अवैध नर्सिंग होम फैले हैं. नर्सिंग होम में लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग इस पर शिकंजा कस पाने में विफल साबित हो रहा है.
गोपालगंज : फर्जी नर्सिंग होम पर कार्रवाई करने में स्वास्थ्य विभाग लाचार है. विभाग के स्तर पर कार्रवाई नहीं होने के कारण ड्रेसर, कंपाउंडर, लैब टेक्नीशियन नर्सिंग होम खोल कर बेखौफ इलाज कर रहे हैं. मरीजों की मौत के बाद भी उन पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग हर मौत के बाद नर्सिंग होम को सील करने का आदेश कागज में देता है. धरातल पर नर्सिंग होम सील नहीं हो पाता. कभी पुलिस बल की कमी, तो कभी मजिस्ट्रेट के नहीं रहने के कारण नर्सिंग होम को सील करना मुश्किल होता है. ताजा मामला बैकुंठपुर का है. यहां भी सिविल सर्जन डॉ मधेश्वर प्रसाद शर्मा ने नर्सिंग होम को सील करने का आदेश दिया है. लेकिन, चार दिन बीत गये हैं. अब तक नर्सिंग होम को सील नहीं किया गया है. कार्रवाई नहीं होने के कारण लोगों का भरोसा स्वास्थ्य विभाग पर से उठने लगा है.
कुचायकोट में पुलिस का नहीं मिला सहयोग : सिविल सर्जन कुचायकोट में चार अवैध नर्सिंग होमों को सील करने का आदेश ने दिया. नर्सिंग होमों को सील करने के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी जब गये, तो उन्हें पुलिस का सहयोग नहीं मिला. नर्सिंग होम आज भी मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. सिविल सर्जन ने एसपी को पत्र लिख कर पुलिस बल की मांग की है. सीएस को पत्र लिखे 15 दिन बीत गये. आज तक पुलिस बल नहीं मिला.
सील होने के बाद चल रहा था नर्सिंग होम : महम्मदपुर में चांदपरना गांव की महिला का गर्भाशय निकाल दिये जाने के बाद डीएम के आदेश के बाद पुष्पा नर्सिंग होम, राहुल नर्सिंग होम समेत पांच नर्सिंग होम सील हुए थे. बाद में राहुल नर्सिंग होम में ताला तोड़ कर इलाज शुरू कर दिया गया था. मामला जब बीससूत्री की बैठक में उठा, तो आनन-फानन में सिविल सर्जन डॉ मधेश्वर प्रसाद शर्मा के आदेश पर दोबारा सील किया गया.
मासूम का पेट फाड़ने में भी नहीं हुआ सील : 21 जनवरी को भोरे थाना क्षेत्र के लालाछापर में स्थित डॉ एमएम अंसारी के क्लिनिक में यूपी के देवरिया जिले के खामपार थाना क्षेत्र के परोहां गांव निवासी जितेंद्र भारती की पत्नी का प्रसव कराया गया. नॉर्मल डिलेवरी की बात बताने के थोड़ी ही देर बाद डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर एक कार्टन में पैक कर दे दिया था, जिसे परिजनों ने ले जाकर दफना दिया था. बाद में एक महिला ने परिजनों को बताया कि बच्चे का पेट फाड़ दिया गया था. इसके बाद शव को कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. इस मामले में डॉक्टर पर भोरे थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. गोपालगंज के डीएम राहुल कुमार ने क्लिनिक को सील करने का आदेश दिया था, लेकिन आज तक उस आदेश पर स्वास्थ्य विभाग अमल नहीं कर पाया.
मौत के बाद भी नहीं हो रही फर्जीवाड़े पर कार्रवाई
विजयीपुर में बोर्ड बदल कर चालू हो गया नर्सिंग होम
िपछले वर्ष विजयीपुर के दो नर्सिंग होम्स में डॉक्टरों की लापरवाही के 24 घंटे के अंदर दो मरीजों की जान चली गयी थी. दो मरीजों की जान जाने के बाद सजग हुए स्वास्थ्य विभाग ने दोनों नर्सिंग होमों को सील कर दिया था. लेकिन, कुछ ही दिनों बाद दोनों नर्सिंग होम अपना-अपना बोर्ड हटा कर फिर से चलने लगे. लोगों ने विभाग के पास इसकी शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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