भोरे : हर मां की औलाद पाने की सबसे बड़ी हसरत होती है. उसके लिए वह अपना सर्वस्व न्योछावर करने को भी तैयार हो जाती है, लेकिन यह कितनी बड़ी विडंबना है कि प्रिया को औलाद पाने की हसरत दो बच्चों के जन्म के बाद भी पूरी नहीं हो सकी. एक को भगवान ने, तो दूसरे को भगवान का दूसरा रूप कहे जानेवाले डॉक्टर ने ही छीन लिया. जी हां! यह कटु सत्य है कि प्रिया को दो बार मां बनने का अवसर प्राप्त हुआ. पहली बार उत्तरप्रदेश के देवरिया जिले के भाटपार रानी स्थित सरकारी अस्पताल में जन्म लेते ही बच्चे ने दम तोड़ दिया था. एक बच्चे की मौत के बाद औलाद का सुख पाने के लिए दूसरे बच्चे को जन्म देने के लिए प्रिया ने अपने मायके की तरफ रुख किया. लेकिन, होनी ने उसका पीछा यहां भी नहीं छोड़ा. ऊपर वाले को भी शायद यही मंजूर था.
बता दें कि भोरे थाने के भोपतपुरा गांव के सुशील राम की पुत्री प्रिया कुमारी की शादी देवरिया जिले के खामपार थाने के परोहा गांव के जितेंद्र भारती के साथ हुई है. शादी के डेढ़ वर्ष बीत गये. प्रथम प्रसव के दौरान ससुरालवाले उसे सरकारी अस्पताल में भाटपार लेकर गये, जहां जन्म के बाद ही बच्चे ने दम तोड़ दिया. वहीं दूसरा डॉक्टर की हैवानियत का शिकार हो गया. गत 20 जनवरी को प्रिया डॉ एमएम अंसारी के पास पहुंची थी, तो उसने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देख यह यह बताया था कि बच्चा सही और स्वस्थ है. बच्चा पैदा होने के बाद उसके मरे होने की सूचना देकर उसने सबको हतप्रभ कर दिया. जब एक महिला द्वारा लेबर रूम में बच्चे की घंटों चीर-फाड़ करने की सूचना दी गयी, तो प्रिया के पैरों तले की जमीन ही खिसक गयी.