आरबीआइ के नियमों का पालन कैसे होगा. बेसिक सुविधा भी बैकों में उपलब्ध नहीं है. आरबीआइ के निर्देश के बाद प्रभात खबर की टीम ने शुक्रवार को शहर और ग्रामीण इलाके के बैंकों की पड़ताल की. प्रस्तुत है यह रिपोर्ट
गोपालगंज : आरबीआइ ने बैंकों से तीन महीने का सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित कर रखने का निर्देश दिया है ताकि धन कुबेरों पर शिकंजा कसा जा सके. इसके लिए बाजाब्ता आइवी, आयकर, खुफिया एजेंसियों को सीसीटीवी फुटेज की गहनता से जांच करनी है. यहां तो बैंकों में सीसीटीवी है ही नहीं.
शहर के यूको बैंक में सीसीटीवी लगाया गया है लेकिन उसे कनेक्ट नहीं किया गया है. इसके कारण यूको बैंक की गतिविधि का पता नहीं चल पा रहा. बैंक में आने- जानेवाले ग्राहकों का कोई रिकाॅर्ड नहीं है. ग्रामीण बैंक के कमला राय कॉलेज की शाखा में सीसीटीवी नहीं है. इन बैंकों में पैसा जमा करने या निकालनेवालों का वीडियो फुटेज कहां से आयेगा. इसी तरह ग्रामीण इलाकों के अधिकतर बैकों में सीसीटीवी लगे जरूर है लेकिन चालू नहीं हैं.
बरहिमा उतर बिहार ग्रामीण बैंक की शाखा में नहीं है सीसीटीवी कैमरा : दिन के एक बज रहे हैं. एनएच 28 किनारे बरहिमा मोड़ के चौराहे पर स्थित है उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की शाखा. यहां ग्राहकों की भीड़ नहीं है.
बैंक में कैश ही नहीं है. सीसीटीवी की बात पूछते ही मैनेजर जवाब देते हैं कि ऐसी यहां कोई व्यवस्था नहीं है. शुक्रवार को छोड़ दिया जाये, तो नोटबंदी के बीते दिनों में यहां लोगों की भारी कतार लगती थी. आम जगहों की तरह जहां भारी पैमाने पर पुराने नोट जमा किये गये, वहीं लोगों के बीच पैसे के लेनदेन को लेकर धक्का- मुक्की भी होती रही. बरहिमा चौक के इतिहास कोे देखा जाये, तो यहां कई आपराधिक घटनाएं भी हो चुकी हैं. सीसीटीवी नहीं होने से अहम सवाल जहां सुरक्षा का है, वहीं नोटबंदी में आरबीआइ के नियमों के पालन पर भी सवाल खड़ा हो गया है. सीसीटीवी न होने के संदर्भ में शाखा प्रबंधक राजकिशोर त्रिवेदी ने बताया कि मैनेजमेंट को कई बार कहा गया लेकिन अब तक यह व्यवस्था नहीं हो पायी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
बैंक को सीसीटीवी संरक्षित करके रखना है. जिस बैंक में सीसीटीवी नहीं है या खराब है. उन्हें तत्काल दुरुस्त करा लेना होगा. ऐसे बैकों की पहचान कर आरबीआइ कार्रवाई भी कर सकता है.
अनिल कुमार, एलडीएम, गोपालगंज