23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

करोड़ों डकार चुकी हैं पैक्स

गड़बड़झाला . दी सेंट्रल को-आॅपरेटिव बैंक के नाम पर हो रहा फर्जीवाड़ा सहकारिता की प्रमुख अंग पैक्स में वर्ष 2001 में जमा वृद्धि योजना के तहत पैक्स बैंक खोला. पैक्स के पैड मैनेजर ने इसे बैंक का रूप देकर दी सेंट्रल को-आॅपरेटिव बैंक से संबद्ध बताते हुए बैंकों की तरह लेन-देन शुरू की. कई पैक्स […]

गड़बड़झाला . दी सेंट्रल को-आॅपरेटिव बैंक के नाम पर हो रहा फर्जीवाड़ा

सहकारिता की प्रमुख अंग पैक्स में वर्ष 2001 में जमा वृद्धि योजना के तहत पैक्स बैंक खोला. पैक्स के पैड मैनेजर ने इसे बैंक का रूप देकर दी सेंट्रल को-आॅपरेटिव बैंक से संबद्ध बताते हुए बैंकों की तरह लेन-देन शुरू की. कई पैक्स बैंक करोड़ों रुपये की राशि डकार कर चंपत हो चुके हैं.
गोपालगंज : ग्राहकों के करोड़ों रुपये पैक्स बैंक डकार चुके हैं. ताजा मामला मानिकपुर पैक्स का है, जहां 50 लाख से अधिक राशि जमा कराने के बाद पैक्स बैंक में ताला बंद कर मैनेजर फरार है.
ग्राहक अपने भुगतान के लिए परेशान हैं. कुचायकोट प्रखंड के बड़हरा पैक्स बैंक सेमरा बाजार में खोला गया था. यहां करोड़ों रुपये इलाके के लोगों से जमा कराया गया. इस राशि का भुगतान का वक्त आया, तो पैक्स बैंक भुगतान नहीं कर पाया. तीसरा मामला सदर प्रखंड के भितभेरवा पैक्स का है. यहां भी बड़े पैमाने पर खाताधारियों का पैसा पैक्स प्रबंधक द्वारा डकारा जा चुका है. ठीक उसी तरह मांझा प्रखंड के धोबवलिया स्थित पैक्स बैंक में भी 1.37 करोड़ की राशि पैक्स ने भुगतान नहीं कर पाया. कई ग्राहकों ने सीजेएम कोर्ट, तो कई लोगों ने लोक शिकायत निवारण केंद्र में शिकायत दर्ज करायी है.
जांच में उलझा है विभाग : पैक्स में राशि जमा कराने के बाद बंद कर फरार हो जाने या ग्राहकों को भुगतान नहीं दे पाने की स्थिति में ग्राहकों की शिकायत पर सहकारिता विभाग जांच में उलझा हुआ है. बड़हरा पैक्स की जांच के लिए जिला अंकेक्षण पदाधिकारी को डीसीओ के द्वारा पत्र लिखा गया. अंकेक्षण पदाधिकारी धनंजय कुमार ने 24 सितंबर, 2016 को अंकेक्षण पदाधिकारी वेद प्रकाश गुप्ता, महेश साह, राजेश्वर शाही के नेतृत्व में ऑडिट टीम का गठन कर रिपोर्ट मांगी. एक माह बीतने को है. आज तक ऑडिट नहीं हो सका. इसी तरह भितभेरवा पैक्स के मामले में गड़बड़झाला की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है, जिसने अब तक रिपोर्ट नहीं सौंपी है.
अध्यक्ष ने दिया था इस्तीफा : भितभेरवा पैक्स के अध्यक्ष के पद पर राम कुमार सिंह निर्वाचित हुए थे. जब पैक्स में गड़बड़झाला का मामला सामने आया, तो उन्होंने विभाग को इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने के बाद विभाग ने गड़बड़ी की जांच कराने का निर्णय लिया है.
पैसा डूबने के सदमे में ग्राहक की हुई थी मौत : मानिकपुर पैक्स में काकड़कुंड गांव के कंचन ठाकुर ने पैसा जमा किया था. जब भुगतान की बारी आयी तो कंचन ठाकुर भुगतान लेने पैक्स बैंक पर पहुंचे. बैंक में ताला लटक गया था. घर आकर सदमे में पड़ गये और उनकी मौत हो गयी. ग्रामीणों ने बताया कि कंचन ठाकुर की मौत के बाद भी सका है.
कैसे फंसती गयी पैक्स की राशि
जमा होनेवाली राशि से पैक्स ने अपने सदस्यों को ऋण देना शुरू कर दिया. कई ऐसे सदस्य हैं, जिन्होंने ऋण लेकर जमा नहीं किया. कई सदस्यों ने ऋण जमा नहीं किया, जिसके कारण पैक्स का पैसा फंसा, तो कुछ पैक्स प्रबंधकों ने जमा राशि को हजम कर निजी कार्य में खर्च कर दिया. भुगतान के दौरान खुद को दिवालिया घोषित कर दिया.
गड़बड़ी की चल रही जांच
पैक्स में गड़बड़ी की जांच करायी जा रही है. जिन पैक्स के द्वारा गड़बड़ी की गयी है, उन पर नियमानुकूल कार्रवाई की जायेगी. कई पैक्स जो बैंक चला रही है, उन पर नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है. उनको पैक्स बैंक चलाने का अधिकार नहीं है.
बबन मिश्र, डीसीओ, गोपालगंज

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें