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कोर्ट में लटका ताला, टकराव

आक्रोश. न्यायालय का काम-काज दूसरे दिन भी ठप रहा एसीजेएम वन को पुलिस द्वारा पीटे जाने की घटना के विरोध में शुक्रवार को भी कोर्ट का काम काज ठप रहा. पुलिस भी इस बार न्यायिक पदाधिकारियों से टकराव के मूड में है. पुलिस ने पलटवार करते हुए एसीजेएम पर न सिर्फ प्राथमिकी दर्ज करायी है […]

आक्रोश. न्यायालय का काम-काज दूसरे दिन भी ठप रहा
एसीजेएम वन को पुलिस द्वारा पीटे जाने की घटना के विरोध में शुक्रवार को भी कोर्ट का काम काज ठप रहा. पुलिस भी इस बार न्यायिक पदाधिकारियों से टकराव के मूड में है. पुलिस ने पलटवार करते हुए एसीजेएम पर न सिर्फ प्राथमिकी दर्ज करायी है बल्कि पुलिस के जवान कोर्ट की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रख रहे हैं. कोर्ट में पल पल स्थिति बदल रही थी. बदलते हालात पर प्रस्तुत है यह रिपोर्ट.
गोपालगंज : कोर्ट में दूसरे दिन भी ताला लटका रहा. हड़ताल का असर भले ही आम लोगों पर पड़ रहा हो लेकिन पुलिस आरपार की लड़ाई की तैयारी में है. एसीजेएम वन प्रभुनाथ प्रसाद पर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पूरे दिन पुलिस के जवान कोर्ट में सुरक्षा की जगह स्थिति पर नजर रख रहे थे. एसडीपीओ कार्यालय में पुलिस के जवानों की काफी भीड़ देखी गयी.
एसडीपीओ के नहीं रहने के बाद भी उनका चैंबर खुला रहा और पुलिस के कुछ अधिकारी बैठ कर न्यायालय की गतिविधि का आकलन करते रहे. पुलिस के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बताने से परहेज करते रहे. पैरवीकार परेशान होकर रह गये. दूर दूर से आये पैरवीकारों को मायूस होकर लौटना पड़ा. कोर्ट के कार्यों को ठप कराने के बाद न्यायालय कर्मी धरना पर बैठ गये. कर्मी आरोपित थानेदार पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे.
कर्मियों के धरना के दौरान काफी आक्रोश देखा गया. पुलिस की कार्रवाई पर उनकी नजर टिकी हुई थी कि पुलिस के वरीय अधिकारी क्या कार्रवाई हुई इस पर नजर लगाये हुए थे. वहीं कोर्ट में पूरे दिन इस घटना की चर्चा होती रही. वकीलों के सीट पर इस घटना की विवेचना अलग अलग ढंग से लोग कर रहे थे. देर शाम तक अधिवक्ता अलग अलग बैठका लगा कर इस घटना के नतीजों पर नजर लगाये हुए थे. सभी लोगों का अपना अपना तर्क था.
अधिवक्ता शैलेंद्र बहादुर मिश्रा ने कहा कि घटना काफी निंदनीय है. आपसी विवाद था तो पुलिस के अधिकारी को तत्काल कोर्ट में आकर अपनी गलती मान लेनी चाहिए थी. टकराव की स्थिति नहीं आती. वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक तिवारी ने कहा कि पुलिस के वरीय अधिकारियों को सकारात्मक पहल करने की जरूरत थी. पुलिस और कोर्ट का टकराव समाज के लिए घातक है.
जज की पिटाई शर्मनाक : भाजपा
गोपालगंज भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय मयूख ने कहा कि गोपालगंज में पुलिस द्वारा जज की पिटायी काफी शर्मनाक घटना है. जब न्यायमूर्ति के साथ ऐसी घटनाएं होंगी तो आम जनता का क्या होगा. ऐसी स्थिति में बिहार की जनता जहां न्याय के लिए भिक्षाटन कर रही है.
वहीं मुख्यमंत्री देसाटन करने में लगे हुए हैं. सरकार से जनता का भरोसा टूट चुका है. बिहार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है. ऐसी घटनाएं जनादेश का अपमान कर रही है. फिर भी अपनी कानून व्यवस्था न देख कर केंद्र सरकार की आलोचना करने में सरकार लगी हुई है.
केंद्र सरकार जहां बिहार के विकास के लिए मदद कर रही है वहीं बिहार सरकार राजनीति करने में लगी हुई है. यही कारण है कि बिहार में अपराध और अपराधियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है.
गोपालगंज प्रकरण की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश पटना हाइकोर्ट द्वारा किये जाने की खबर कोर्ट में चारों तरफ चर्चा का विषय थी. लोगों की नजर हाइकोर्ट के निर्णय पर टिकी हुई थी. हाइकोर्ट से आने वाली सूचना का इंतजार कोर्ट के कर्मी भी कर रहे थे. चर्चाओं पर यकीन करें तो हाइकोर्ट गोपालगंज के इस मामले को कोर्ट ऑफ कांटेम्ट मान कर सुनवाई कर रही है.
देर शाम लगा कोर्ट गोपालगंज, मौनिया चौक पर एसीजेएम को पीटे जाने के मामले में जिला एवं न्यायाधीश सुनील दत्त मिश्रा के साथ डीएम राहुल कुमार और एसपी रवि रंजन कुमार की बैठक हुई. बैठक के बेनतीजा निकलने के बाद सीजेएम ने देर शाम कोर्ट में सुनवाई की. एसीजेएम प्रभुनाथ प्रसाद के मुकदमे में पीड़ित पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए 11 जुलाई को आरोपित जादोपुर के थानेदार अरविंद कुमार यादव एवं अन्य अज्ञात को सदेह उपस्थित होने का नोटिस जारी किया.

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