कटाव . धारा बदलने से बाढ़ नियंत्रण विभाग की बढ़ी मुश्किल
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85 एकड़ से अधिक खेत नदी में समाये
कटाव . धारा बदलने से बाढ़ नियंत्रण विभाग की बढ़ी मुश्किल नेपाल में हो रही बारिश से बिहार के इस क्षेत्र में तबाही शुरू हो गयी है. गंडक नदी का कटाव बेकाबू होते जा रहा है. नदी का रुख देख बाढ़ नियंत्रण विभाग के होश उड़े हुए हैं. गोपालगंज : नेपाल में हो रही रुक-रुक […]
नेपाल में हो रही बारिश से बिहार के इस क्षेत्र में तबाही शुरू हो गयी है. गंडक नदी का कटाव बेकाबू होते जा रहा है. नदी का रुख देख बाढ़ नियंत्रण विभाग के होश उड़े हुए हैं.
गोपालगंज : नेपाल में हो रही रुक-रुक बारिश से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि गंडक नदी का जल स्तर घटने लगा है. जल स्तर के घटने के साथ ही मसानथाना में नदी का कटाव बेकाबू हो गया है. कटाव से पिछले 24 घंटे के भीतर 85 एकड़ से अधिक जमीन नदी में समा गयी है. किसानों की नींद हराम हो गयी है. कटाव तटबंध के करीब पहुंचता जा रहा है. नदी तेजी से गोपालगंज की ओर शिफ्ट कर रही है. इससे बाढ़ नियंत्रण विभाग की मुश्किल बढ़ गयी है.
विभाग की तरफ से गंडक नदी की धारा को बीच में करने के लिए पायलट चैनल तथा सिल्ट की सफाई कर ड्रेनेज किया गया, ताकि नदी की मुख्य धारा को बदला जा सके. इस बीच नदी ने बाढ़ नियंत्रण विभाग की तैयारियों पर पानी फेर दिया है. विभाग का प्रयास पूरी तरह से विफल हो गया है, जिससे नदी तेजी से गोपालगंज की ओर बढ़ रही है. बाढ़ नियंत्रण विभाग ने पतहरा तटबंध को प्रोटेक्ट करने में पूरी ताकत लगा दी है. कटाव को रोकने के लिए विभाग ने हाथ खड़े कर दिये हैं. बांध के बचाव के लिए बाढ़ एक्सपर्ट अधीक्षण अभियंता मुरली कुमार की टीम के अलावा कार्यपालक अभियंता शरद कुमार समेत वरीय अभियंताओं की टीम मौके पर कैंप कर रही है.
विभाग ने सूचना दी है कि गंडक नदी का जल स्तर 99.88 हजार से घट कर 57 हजार नौ सौ क्यूसेक डिस्चार्ज आंका गया है.
कहां-कहां है खतरा
गंडक नदी के कटाव से मसानथाना, ख्वाजेपुर हिरा पाकड़, जगीरीटोला, मकसुदपुर समेत एक दर्जन गांवों पर खतरा मंडरा रहा है.
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