गड़बड़झाला . पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छेड़खानी, पीड़ित ही बन गये आरोपित
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पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टर ने बदली रिपोर्ट
गड़बड़झाला . पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छेड़खानी, पीड़ित ही बन गये आरोपित सदर अस्पताल में सक्रिय माफियाओं के आगे अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से लाचार बन गया है. माफियाओं के इशारे पर जख्म प्रतिवेदन ही नहीं बल्कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी बदल जा रही है. इससे हत्या के आरोपितों को सीधा लाभ पहुंच रहा. प्रभात खबर के […]
सदर अस्पताल में सक्रिय माफियाओं के आगे अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से लाचार बन गया है. माफियाओं के इशारे पर जख्म प्रतिवेदन ही नहीं बल्कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी बदल जा रही है. इससे हत्या के आरोपितों को सीधा लाभ पहुंच रहा. प्रभात खबर के पास उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर प्रस्तुत है यह रिपोर्ट.
गोपालगंज : सदर अस्पताल में सक्रिय माफियाओं के आगे शायद स्वास्थ्य महकमा लाचार बन गया है. यहां माफिया प्रत्येक जख्म प्रतिवेदन और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का सौदा करते है. इस सौदे के कारण पुलिस को समय पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिल पाती है. पहले पार्टी के आने का इंतजार होता है. नहीं आने के बाद अंत में रिपोर्ट तैयार की जाती है. वैसे बीच में कोई आ गया, तो सौदा कर उसके हिसाब से रिपोर्ट तैयार कर दी जाती है.
इसका खुलासा गुरुवार को सनसनी खेज रूप से हुआ है. जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष पीड़ित फुलवरिया थाना क्षेत्र के पांडेय परसा गांव के रहनेवाले मुस्तफा अंसारी ने अपील दाखिल कर कहा है कि उनके पुत्र युसुफ अंसारी का अपहरण अपराधियों ने 21 अक्तूबर, 2015 को किया. उसी शाम उसकी हत्या कर दी. पुलिस को उसका शव 23 अक्तूबर को मिला. पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट डॉ मिथिलेश कुमार ने तैयार किया. इसमें 3-5 दिन को काट कर 5-7 दिन पूर्व मृत होना बताया गया. यानी अपहरण के पहले ही उसे मृत बता दिया गया है.
अपहरण के बाद हुई थी हत्या
पीड़ित मुस्तफा अंसारी ने लोक शिकायत निवरण केंद्र में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि बेटे का अपहरण जब हुआ, तो तुरंत सूचना पुलिस को दी. काफी खोजने के बाद भी बेटा नहीं मिला. तीन दिन बाद शव मिला. पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस भी प्रथमदृष्टया यानी कि अपहरण के दिन ही हत्या कर दी गयी होगी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सही बात लिखी गयी. उसके बाद रिपोर्ट में छेड़खानी की गयी, जिससे पांच दिन पूर्व मृत बता दिया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह पूरा घटना ही उलटा हो गया. अब तो हत्या का ही अारोप हमलोगों पर लग गया. आरोपितों को बचाने के लिए डॉक्टर ने यह कार्य किया है.
क्या कहते हैं सीएस
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छेड़खानी की जानकारी मुझे नहीं है. अगर ऐसा हुआ है, तो जांच के लिए टीम का गठन कर जांच करायी जायेगी. अगर डॉक्टर दोषी पाये जाते हैं तो विभाग को कार्रवाई के लिए लिखा जायेगा.
डॉ मधेश्वर प्रसाद शर्मा, सीएस, गोपालगंज
डॉक्टर को नोटिस कर होगी सुनवाई
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी शिव नारायण सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि मामला अत्यंत ही संवदेनशील है. इस मामले में आरोपित डॉक्टर को नोटिस भेज कर पूरे मूल कागजात के साथ सदेह उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है ताकि स्पष्ट हो कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर छेड़खानी डॉक्टर ने की है या किसी अन्य ने.
ऐसे मामलों में नियम सम्मत कार्रवाई की जायेगी.
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