गोपालगंज : उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का रीजनल कार्यालय मंगलवार को कुछ देर के लिए रणक्षेत्र बन गया. एजुकेशन लोन पास नहीं होने पर बैंक अधिकारियों और छात्रों की भिड़ंत हो गयी, जिसमें पांच लोग जख्मी हो गये. इस दौरान बैंक के कंप्यूटर से लेकर टेबुल और कुरसियां भी क्षतिग्रस्त हो गयीं. इसकी सूचना पर पहुंची पुलिस ने दो छात्रों को गिरफ्तार कर लिया.
घटना के बाद रीजनल कार्यालय का घंटों कामकाज ठप रहा. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मांझा थाने के झझवा गांव के मुन्नु कुमार सिंह मर्चेंट नेवी में तीसरे वर्ष का छात्र है. उसने कोईनी ग्रामीण बैंक से एजुकेशन लोन के लिए आठ माह पूर्व आवेदन दिया था. उसका लोन पास करने के लिए रीजनल आॅफिस में दो माह पूर्व फाइल भेजी गयी थी, जहां क्रेडिट मैनेजर अरविंद पांडेय के पास फाइल पड़ी हुई थी.
ऋण नहीं मिलने के कारण उसकी पढ़ाई अब बाधित होनेवाली थी. गांव के ही मुनमुन सिंह और आकाश सिंह (दोनों बीटेक के छात्र हैं) दिल्ली से मंगलवार को घर पहुंचे. ये लोग रीजनल मैनेजर से मिल कर शिकायत करने के लिए मंगलवार की दोपहर पहुंचे, लेकिन रीजनल मैनेजर नहीं मिले. उनके नहीं रहने पर क्रेडिट मैनेजर अरविंद पांडेय के पास पहुंचेद, जहां दोनों पक्षों में कहासुनी हुई. कुछ ही देर में गाली-गलौज शुरू हो गयी और दोनों तरफ से धक्का-मुक्की और मारपीट होने लगी. मारपीट के क्रम में कार्यालय के कंप्यूटर, रजिस्टर से लेकर शीशा तक क्षतिग्रस्त हो गया. बैंक में अफरा-तफरी मच गयी. इस बीच सूचना पर सब इंस्पेक्टर अशोक सिंह पुलिस बल के साथ पहुंचे और मौके पर से बीटेक के छात्र आकाश सिंह और उमेश महतो को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की टीम मामले की जांच में जुटी है. इस मामले में क्रेडिट मैनेजर अरविंद पांडेय के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.