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रेल बजट . न ट्रेन मिला, न थावे रेलमंडल, लालू के जिले में निराशा

रेल बजट . न ट्रेन मिला, न थावे रेलमंडल, लालू के जिले में निराशा नहीं बरसी ‘प्रभु’ की ‘कृपा’ उम्मीद थी की ‘प्रभु’ गोपालगंज पर अपनी ‘कृपा’ बरसायेंगे. लेकिन, उनका दूसरा बजट भी गोपालगंजवासियों की उम्मीदों को तोड़ गया. गोपालगंज : गुरुवार को पेश किये गये प्रभु के रेल बजट में पूर्व रेल मंत्री लालू […]

रेल बजट . न ट्रेन मिला, न थावे रेलमंडल, लालू के जिले में निराशा

नहीं बरसी ‘प्रभु’ की ‘कृपा’
उम्मीद थी की ‘प्रभु’ गोपालगंज पर अपनी ‘कृपा’ बरसायेंगे. लेकिन, उनका दूसरा बजट भी गोपालगंजवासियों की उम्मीदों को तोड़ गया.
गोपालगंज : गुरुवार को पेश किये गये प्रभु के रेल बजट में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के गृह जिला में निराशा हाथ लगी. वैसे देश स्तर पर बजट को जिलेवासियों ने सराहा है, लेकिन जिले में होनेवाले रेलवे के विकास में मायूसी हाथ लगी है. इस बार जिले को न तो कोई ट्रेन मिली है और न ही थावे रेल मंडल. यह बात दिगर है कि महिलाओं को टिकट में जहां आरक्षण मिलेगा,
वहीं कई सुविधाएं भी सफर में मिलेंगी. लेकिन, जिलेवासियों का लंबे अरसे से यह सपना है कि थावे रेल मंडल का निर्माण हो, जिसका शिलान्यास भी एक मार्च, 2009 को तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था एवं लंबी दूरी के लिए यहां से ट्रेनें चले, जिला स्थित रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जाये. लेकिन, बजट में ऐसा कुछ नहीं मिला. लोगों की उम्मीदों के अनुरूप सांसद ने भी आश्वासन दिया था कि रेल बजट में जिले को सौगात मिलेगी. लेकिन, जिलेवासियों को मायूसी हाथ लगी.
िजले को उम्मीद थी सौगात, िमली िनराशा
किसी ने सराहा तो किसी ने कोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास की घोषण और इस बार सुरेश प्रभु द्वारा पेश किये गये बजट पर जिलावासियों ने अपनी विशेष प्रतिक्रिया दी है. किसी ने बजट को देशहित में बताया है, तो किसी ने बजट कोसा. महिलाओं के लिए आरक्षण, रेल भाड़े में कोई बढ़ोत्तरी नहीं, ट्रेन में बच्चों के लिए भोजन की विशेष व्यवस्था.
तेजस ट्रेनों की नयी स्पीड, महिलाओं की सुरक्षा के विशेष इंतजाम, दो एप की स्वीकृति को लोगों ने सराहा है. वहीं, जिलेवासियों को उम्मीद थी कि अपनी घोषणाओं की मुताबिक भाजपा सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में गोपालगंज को विशेष सुविधा दी जायेगी.
लेकिन, ऐसा
कुछ भी नहीं हुआ.
रेल बजट ठीक है. लेकिन, इस बार भी जिले की अनदेखी हुई. उम्मीद थी कि इस बार जिले को विशेष ट्रेन की सौगात मिलेगी. लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ. रेल मंडल का निर्माण बिहार के विकास से जुड़ा हुआ था.
डॉ बैद्यनाथ सिंह, सचिव आइएमए, गोपालगंज
रेल बजट में बड़े शहरों को सुविधा प्रदान की गयी है. इसमें बिहार व गोपालगंज को पूरी तरह नकार दिया गया है. यहां सबसे बड़ी आवश्यकता थावे रेल मंडल की थी. इस बार उम्मीद थी कि इस पर घोषणा होगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.
डॉ एलोरा नंदी, निदेशक, नंदी ग्रेस स्कूल
सुरेश प्रभु द्वारा पेश रेल बजट पूरी तरह डिरेल साबित हुआ. बजट में नया कुछ भी नहीं है. इसमें रेल के विकास की कल्पना नहीं है. खास कर के बिहार और गोपालगंज को कुछ भी नहीं दिया गया.
प्रदीप देव, युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता
अपना जिला रेलवे के मामले में पूरी तरह अविकसित है. मोदी जी ने विकास का वादा किया था. लेकिन, रेल बजट में पूरी तरह से जिले को नकार दिया. इस रेल बजट में जिले को कोई भी सुविधा प्रदान नहीं की गयी.
अनिल श्रीवास्तव
रेलमंत्री को कम से कम थावे से दिल्ली और मुंबई के लिए ट्रेन देनी चाहिए थी. लेकिन, जिलेवासियों के लिए कुछ भी नहीं मिला. न तो थावे रेल मंडल पर कोई चर्चा हुई और न यहां के रेलवे के विकास पर.
यह जिलेवासियों के लिए दुखद है.
प्रो डॉ अनुजा सिंह

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