गोपालगंज : एक अप्रैल से बिहार में शराब पर पाबंदी लग जायेगी. पूर्ण रूप से शराबमुक्त समाज बनाने के लिए हर स्तर पर शासन और प्रशासन जुटा हुआ है. इस बीच बुधवार को साक्षरता के तरफ से कला जत्था के तीन अलग अलग टीम के कलाकारों को डीएम राहुल कुमार ने हरी झंडी दिखा कर […]
गोपालगंज : एक अप्रैल से बिहार में शराब पर पाबंदी लग जायेगी. पूर्ण रूप से शराबमुक्त समाज बनाने के लिए हर स्तर पर शासन और प्रशासन जुटा हुआ है. इस बीच बुधवार को साक्षरता के तरफ से कला जत्था के तीन अलग अलग टीम के कलाकारों को डीएम राहुल कुमार ने हरी झंडी दिखा कर गांव के लिए रवाना किया. इससे पहले समाहरणालय में कलाकारों ने शराब के कारण होने वाली तबाही पर आधारित एक नाटक का मंचन किया.
नाटक को देख अधिकारियों की भी आंखे डबडबा गयी. वे भाव विहव्ल हो गये. कलाकारों ने शनिचरी नामक महिला पर आधारित नाटक को प्रस्तुत किया जिसमें शनिचरी को एक बेटा होता है. उसका पति झगरू शराब की नशे में रहता है. पूरे दिन कमाने के बाद कमाई का पैसे का शराब पी कर घर लौटता. आये दिन शराबी पति अपनी पत्नी पर ही कहर बरपाता. इस बीच उसका बेटा कुपोषण का शिकार होकर बीमार हो गया. बीमार बेटा को इलाज कराने के लिए गांव के साहुकार के पास शनिचरी को काफी अरजू मिन्नत करने के बाद पांच सौ रुपये कर्ज मिला.
कर्ज लेकर जब बेटा का इलाज कराने की तैयारी की, तो उसका पति कर्ज के रुपये से शराब पीने के लिए उसकी बेरहमी से पिटाई की. लेकिन, इस बार शनिचरी बेटा की जान बचाने के लिए ठान ली. उसे अस्पताल ले जाकर इलाज कराया. इलाज के बाद संयोग से उसका बेटा ठीक हो गया. गांव के लोग झगरू को जब समझाते हैं,
तब उसकी आंखे खुलती है और वह शराब नहीं पीने का संकल्प लेता है. यह पूरा नाटक डीएम राहुल कुमार के अलावा डीडीसी दयानंद मिश्र, साक्षरता डीपीओ राकेश कांत राकेश तथा एसआरजी सुनील कुमार द्विवेदी आदी अधिकारी देखने के लिए घंटों खड़ा रहे. कलाकरों की प्रस्तुति ने सबको द्रवित कर दिया. हालांकि 78-78 पंचायतों में यह टीम जाकर लोगों को जागरूक करेगी.