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नगर निगमों में पार्क है 419 करोड़ राशि

नगर निगमों में पार्क है 419 करोड़ राशिविकास कार्य पड़ा है ठप, बर्खास्त हो सकते हैं मेयर संवाददाता,पटनासंवाददाता,पटना राज्य के 11 नगर निगमों में 419 करोड़ रुपये की राशि यों ही पड़ी है. जनता की गाढ़ी कमाई से जमा किये गये पैसे को नगर निगमों द्वारा नागरिक सुविधाओं पर खर्च नहीं किया जा रहा है. […]

नगर निगमों में पार्क है 419 करोड़ राशिविकास कार्य पड़ा है ठप, बर्खास्त हो सकते हैं मेयर संवाददाता,पटनासंवाददाता,पटना राज्य के 11 नगर निगमों में 419 करोड़ रुपये की राशि यों ही पड़ी है. जनता की गाढ़ी कमाई से जमा किये गये पैसे को नगर निगमों द्वारा नागरिक सुविधाओं पर खर्च नहीं किया जा रहा है. निगमों ने यह राशि कोषागार में छोड़ रखा है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने नगर निगमों की जमा करायी गयी राशि का ब्योरा सभी ट्रेजरी से मंगाया गया है. नगर विकास विभाग राशि खर्च न करनेवाले निगमों के मेयरों पर कार्रवाई करने का मन बना लिया है. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जनता के कार्यों के लिए जिम्मेवार मेयरों को बर्खास्त करने तक की कार्रवाई हो सकती है. महापौर के साथ ही नगर आयुक्तों के खिलाफ भी प्रशासनिक कार्रवाई होगी. निर्वाचित मेयर व आयुक्त अपनी जिम्मेवारी निभाने में सक्षम नहीं हैं जिसके कारण जनता सामान्य सी सु‌विधाओं के लिए तरस रही है. विभाग द्वारा कोषागारों से मंगायी गयी सूचना चौंकानेवाली है. पहली अप्रैल 2015 को सभी नगर निगमों में 493 करोड़ रुपये खजाने में रखा गया था. इस वित्तीय वर्ष में विभाग ने सभी नगर निगमों को 250 करोड़ रुपये अतिरिक्त उपलब्ध कराये. इस वित्तीय वर्ष में नगर निगमों के द्वारा 325 करोड़ रुपये खर्च किये गये. अब वित्तीय वर्ष समाप्त होने में महज तीन माह शेष हैं. ऐसे में 419 करोड़ रुपये विकास कार्यों पर खर्च किया जाना है. विभाग के पास कोषागारों से मिली जानकारी के अनुसार पटना नगर निगम के पास सर्वाधिक 122 करोड़ ट्रेजरी में पड़े हुए हैं. विकास की राशि खर्च न करने की आंच पटना नगर निगम के मेयर व आयुक्त तक पहुंची गयी थी. इसके अलावा राज्य के जिन नगर निगमों में राशि पार्क कर रखी गयी है उसमें बेगूसराय में 28 करोड़, भागलपुर में 33 करोड़, आरा में 31 करोड़, दरभंगा में 36 करोड़, गया में 26 करोड़, कटिहार में 36 करोड़, मुंगेर में 28 करोड़, मुजफ्फरपुर में 27 करोड़, बिहारशरीफ में 17 करोड़ और पूर्णिया में 34 करोड़ रुपये कोषागारों में पड़े हैं. विभाग का मानना है कि राशि का खर्च नहीं किया जाना एक अपराध है. विभाग का कहना है कि नगर निगम अपने क्षेत्र का विकास रोड, नाली, पानी, सफाई जैसी सुविधाओं को बहाल नहीं करते हैं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें. जल्द ही इसकी समीक्षा कर निगमों को जन सुविधाएं बहाल करने में राशि खर्च करने को कहा जायेगा.

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