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आधुनिक हथियारों से लैस होंगे होमगार्ड

आधुनिक हथियारों से लैस होंगे होमगार्डपहल. सरकार बना रही योजना, भत्ता व डीए समेत अन्य में होगी बढ़ोतरी- बिहार पुलिस के जवानों की तरह होम गार्ड के जवानों की अब होगी ट्रेनिंग- आधुनिक हथियारों से लैस करने की योजना पर हो रहा विचार- हाल में सरकार ने रोजाना भत्ता, डीए समेत अन्य में की बढ़ोतरी- […]

आधुनिक हथियारों से लैस होंगे होमगार्डपहल. सरकार बना रही योजना, भत्ता व डीए समेत अन्य में होगी बढ़ोतरी- बिहार पुलिस के जवानों की तरह होम गार्ड के जवानों की अब होगी ट्रेनिंग- आधुनिक हथियारों से लैस करने की योजना पर हो रहा विचार- हाल में सरकार ने रोजाना भत्ता, डीए समेत अन्य में की बढ़ोतरी- राज्य में होमगार्ड की संख्या 52 हजार, 32 हजार हमेशा रहते सक्रिय भूमिका मेंसंवाददाता, पटनाराज्य में बिहार पुलिस के जवानों के सहायक के तौर पर होमगार्ड के जवानों को तैयार करने की योजना तैयार की गयी है. इसके लिए इनका कई स्तर पर आधुनिकीकरण करने से संबंधित कवायद तेज कर दी गयी है. पुलिस महकमे में इससे जुड़ा एक प्रस्ताव और कार्ययोजना भी तैयार कर लिया गया है. हालांकि, इसकी विधिवत घोषणा होनी बाकी है. फिलहाल इसके कई पहलुओं पर विचार किया जा रहा है. संभावना जतायी जा रही है कि जल्द ही इस प्रारूप को अंतिम रूप दे दिया जायेगा. इसके तहत इन्हें आधुनिक हथियारों से लैस करने के अलावा अन्य स्तर पर आधुनिक रूप से सशक्त बनाने की योजना है. राज्य सरकार ने इस कदम में कई पहलुओं पर पहले से ही अमल कर दिया है. अब आधुनिकीकरण के पूर्ण स्वरूप पर जल्द ही अमल किया जायेगा.ये मुख्य बातें होगी आधुनिकीकरण मेंआधुनिक हथियार मुहैया कराना इसमें सबसे प्रमुख पहल है. आज भी होमगार्ड के जवान द्वितीय विश्व युद्ध में उपयोग हुए रायफल का ही प्रयोग करते हैं. इनसे निजात दिलाने पर सबसे ज्यादा फोकस है. इसके अलावा सामान्य पुलिस बलों की तरह इन्हें मोटर ड्राइविंग, आपदा ट्रेनिंग समेत अन्य ट्रेनिंगों के अलावा एक खास रिफ्रेशर कोर्स भी कराया जायेगा. इससे इनका व्यक्तित्व के साथ स्किल का भी विकास हो सकेगा. प्रमंडल और जिला स्तर पर मौजूद इनके ट्रेनिंग सेंटरों को सशक्त बनाने पर खास ध्यान दिया जायेगा, ताकि इनका भी पुलिस जवानों की तरह निरंतर अभ्यास चलता रहे. आधुनिकीकरण की जरूरत राज्य में होमगार्ड के जवानों की संख्या करीब 52 हजार हैं. इनमें 13 हजार बलों को हमेशा बैंकों, ट्रेजरी या अन्य वित्तीय संस्थानों की सुरक्षा में तैनात रखा जाता है. इसके अलावा विभिन्न थानों खासकर ग्रामीण इलाकों में करीब 20 हजार बलों की तैनाती रहती है. इस तरह 33 हजार होम गार्ड के जवान हमेशा सक्रिय बलों की भूमिका में रहते हैं. बैंकों समेत अन्य कई महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा की जिम्मेवारी उठाने वाले ये जवान समुचित ट्रेनिंग और आधुनिक हथियारों के अभाव में उतने सक्षम साबित नहीं हो पाते हैं. पुलिस के सहायक बल के रूप में इन्हें सही रूप में तभी उपयोगी बनाया जा सकता है, जब ये आम जवानों की तरह ही सक्षम बनाया जाये. आनेवाले समय में बैंकों समेत ऐसे अन्य संस्थानों की सुरक्षा की जिम्मेवारी बढ़ती जा रही है, जिसमें इनका उपयोग बेहतरीन तरीके से किया जा सकता है. यह इन्हें मॉडर्न बनाये बिना संभव नहीं है. अब तक हुई पहलइन्हें सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने पिछले कुछ समय में कई सुविधाएं मुहैया करायी हैं. इनका रोजाना भत्ता 400 रुपये और डीए 100 रुपये कर दिया गया है. वरदी भत्ता भी मिलता है. सेवाकाल 60 वर्ष तक कर दिया गया है. सेवाकाल में मौत होने पर 4 लाख और किसी अापराधिक घटना में मौत होने पर 10 लाख की अनुकंपा राशि देने की घोषणा की जा चुकी है. इस तरह अब इनका मुख्य रूप से आधुनिकीकरण करना ही बचता है.

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