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बजता रहता है एंबुलेंस का सायरन, चालक बैठाते रहते हैं सवारी

बजता रहता है एंबुलेंस का सायरन, चालक बैठाते रहते हैं सवारीफोटो न. 19- पुरानागोपालगंज . सदर अस्पताल के प्रवेश द्वार पर हर रोज 20 जिंदगियां कुछ पल के लिए सांसत में आ जाती हैं. जिस वक्त एक-एक पल कीमती होता है, तब अस्पताल गेट पर मरीज तड़पते रहते हैं और एंबुलेंस का सायरन बजते रहता […]

बजता रहता है एंबुलेंस का सायरन, चालक बैठाते रहते हैं सवारीफोटो न. 19- पुरानागोपालगंज . सदर अस्पताल के प्रवेश द्वार पर हर रोज 20 जिंदगियां कुछ पल के लिए सांसत में आ जाती हैं. जिस वक्त एक-एक पल कीमती होता है, तब अस्पताल गेट पर मरीज तड़पते रहते हैं और एंबुलेंस का सायरन बजते रहता है. सदर अस्पताल के मेन गेट पर अतिक्रमण, बेतरतीब पार्क किये वाहन और मनमर्जी से खड़े किये गये टेंपो लंबे समय से एंबुलेंस की राह में रुकावट बने हैं. ‘प्रभात खबर’ ने सदर अस्पताल के तीनों प्रवेश द्वार का जायजा लिया. एक भी जगह ऐसी नहीं थी, जहां एंबुलेंस या अन्य कोई वाहन आसानी से प्रवेश कर सके. पुरानी चौक के गेट से तो एंबुलेंस क्या, बाइक घुसाना भी मुश्किल भरा काम है. अस्पताल में रोजाना इमरजेंसी में 20- 30 केस आते हैं. 10 से ज्यादा महिलाओं को इमरजेंसी में डिलेवरी के लिए लाया जाता है. पुलिस को हटाने की नहीं है फुरसत लाइफ सेविंग से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए ट्रैफिक पुलिस के पास समय नहीं है. सदर अस्पताल के तीनों प्रवेश द्वार के बाहर टेंपोचालक और बड़े वाहन स्टैंड नहीं होने के बावजूद मनमर्जी से सवारियां उतारते और बैठाते हैं. पुरानी चौक रोड में तो 108 एंबुलेंस जाता ही नहीं है. यहां पहुंचने का रास्ता काफी संकीर्ण है. ऐसे में मरीजों को छोटे एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है. वह भी रास्ते में कई बार फंस जाता है. हर माह एंबुलेंस में दो डिलेवरीइस साल अबतक 108 एंबुलेंस में 16 डिलेवरी हो चुकी है. हर माह औसत दो प्रसव एंबुलेंस में हो रहे हैं. दो सप्ताह पहले अस्पताल के मेन गेट पर एंबुलेंस में एक महिला की डिलेवरी हो गयी. एंबुलेंस चालक भी खुद मानते हैं कि अस्पताल के मेन गेट पर घुसने में भी दिक्कत आ रही है. रोजाना इतनी इमरजेंसी 10-15 डिलीवरी के मरीज 3-5 सड़क हादसे में घायल 8-10 मारपीट में हुए घायल 5-7 बीमारियों से ग्रस्त रोगी डॉक्टर भी मुश्किल से पहुंचते हैं एंट्रेंस की भारी समस्या है. डॉक्टर भी काफी मशक्कत के बाद अस्पताल पहुंचते हैं. यदि एंट्रेंस सही हो जाये, तो अस्पताल पूरी क्षमता से चल सकता है. इमरजेंसी की भी हमारे यहां सभी व्यवस्थाएं हैं. मैंने इस इश्यू पर प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से बात की है.डॉ पीसी प्रभात, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल क्या कहते हैं अधिकारी इस समस्या का मैं अपने स्तर से एनालिसिस करूंगा. समस्या के निराकरण के लिए कदम उठाये जायेंगे. यह बड़ी समस्या है और इसे प्राथमिकता से दूर किया जायेगा. पुलिसकर्मी लगाने की जरूरत होगी, तो वह भी करेंगे.नरेश चंद्र मिश्र, टाउन डीएसपी

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