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मुस्लिम मुहल्ले में गूंज रहे हैं छठ के गीत, आस्था ने मिटा दी मजहब की दूरी, मन्नत पूरी होने पर शुरू की छठ
बरौली (गोपालगंज) : आस्था ने बरौली में मजहब की दूरियां मिटा दी हैं. प्रखंड के रतनसराय गांव के मुस्लिम मुहल्ले में छठ के गीत गूंज रहे हैं और मुस्लिम महिलाएं छठ करने के लिए सामग्री तैयार कर रही हैं. यहां की दर्जनों मुस्लिम महिलाएं भी छठ कर रही हैं. ऐसी ही एक व्रती हैं बाबुदीन […]
बरौली (गोपालगंज) : आस्था ने बरौली में मजहब की दूरियां मिटा दी हैं. प्रखंड के रतनसराय गांव के मुस्लिम मुहल्ले में छठ के गीत गूंज रहे हैं और मुस्लिम महिलाएं छठ करने के लिए सामग्री तैयार कर रही हैं. यहां की दर्जनों मुस्लिम महिलाएं भी छठ कर रही हैं. ऐसी ही एक व्रती हैं बाबुदीन मियां की पत्नी जसीमा खातून हैं.
जसीमा बताती हैं कि उनके बेटे को हुई बीमारी ने उनको परेशान कर रखा था, लेकिन छठ माता से मन्नत मांगी और बेटा ठीक हो गया. तब से वह छठ करते आ रही है और भविष्य में भी करती रहेगी. इसी मुहल्ले की रोजी खातून पोते का मुंह देखने के लिए बेचैन थी, लेकिन कोई उपाय काम नहीं आ रहा था.
एक रात स्वप्न में एक बूढ़ी औरत ने कहा कि तुम छठी मइया को सूप चढ़ाओ, तुम्हें पोता जरूर होगा. तब रोजी ने छठी मइया से पोते की मन्नत मांगी और छठी मइया की कृपा से आज उनका घर पोते-पोतियों की किलकारी से गूंज रहा है. तब से वह हर वर्ष पूरी आस्था से छठ करती है. कुछ ऐसी ही कहानी मुहल्ले के शाहीना खातून, नजमा खातून, सकीना खातून और आसमा बेगम की है. उक्त सभी महिलाएं पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ कई वर्षों से छठ करती आ रही हैं.
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