गोपालगंज : शहर में पिछले तीन दिनों में छह मरीजों में डेंगू के लक्षण पाये गये हैं. दो मरीजों की स्थिति को गंभीर देखते हुए उनको परिजनों ने इलाज के लिए गोरखपुर और पीजीआइ लखनऊ में भर्ती कराया है. डेंगू से पिछले वर्ष समाज कल्याण विभाग के डीपीओ संगीता कुमारी समेत चार लोगों की मौत के बाद भी सदर अस्पताल में डेंगू से निबटने के लिए मुकम्मल इंतजाम नहीं किया गया है.
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शहर में डेंगू की दस्तक, छह नये मरीजों में मिले लक्षण
गोपालगंज : शहर में पिछले तीन दिनों में छह मरीजों में डेंगू के लक्षण पाये गये हैं. दो मरीजों की स्थिति को गंभीर देखते हुए उनको परिजनों ने इलाज के लिए गोरखपुर और पीजीआइ लखनऊ में भर्ती कराया है. डेंगू से पिछले वर्ष समाज कल्याण विभाग के डीपीओ संगीता कुमारी समेत चार लोगों की मौत […]
यहां न तो प्लेटलेट्स चढ़ाने का इंतजाम है और न ही विशेषज्ञ डॉक्टर ही हैं. लक्षण मिलते ही उनको रेफर कर दिया जा रहा. राजीव नगर की रमावती देवी तथा सरेया वार्ड दो की पुष्पा कुमारी (13 वर्ष) में डेंगू का लक्षण मिलने पर उनको लखनऊ भेजा गया है.
नगर परिषद को नहीं है चिंता
डेंगू को लेकर नगर परिषद को कोई चिंता नहीं है. बीते साल शहर के कई मुहल्लों में पानी जमा होने से डेंगू के लार्वा काफी संख्या में मिले थे. इसके कारण मुहल्ले में कई रोगी भी मिले थे. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने स्थानों को चिह्नित कर फॉगिंग करायी थी, लेकिन इस बार डेंगू से बचने के लिए किसी तरह के इंतजाम नहीं किये गये हैं.
एडीज मच्छर से होता है डेंगू
हर मच्छर के काटने से डेंगू नहीं होता है. एडीज मच्छर काटने से ही डेंगू होता है. यह मच्छर रात में नहीं, बल्कि दिन में काटता है.
चार प्रकार के होते हैं वायरस
फिजीशियन डॉ प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि डेंगू के वायरस चार तरह के होते हैं. एक वायरस के इन्फेक्शन से उस वायरस के खिलाफ शरीर में एंटी बॉडी बन जाती है. इससे उस वायरस से लड़ने की क्षमता पैदा हो जाती है, लेकिन बाकी तीन वायरस शरीर में दोबारा संक्रमण पैदा कर सकते हैं. मच्छर के काटने पर तीन से सात दिन के अंदर इसके लक्षण प्रकट होते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर परिषद को शहरी इलाके में फॉगिंग कराने के लिए पत्र लिखा गया है. चार मरीजों में डेंगू का लक्षण मिले हैं.
डॉ चंद्रिका साह, डीएमओ
फॉगिंग करते नप के कर्मी
डेंगू का पहला लक्षण : तेज बुखार होना, जुकाम होना, खांसी आना, बहुत तेज बदन दर्द और पेट दर्द, पैरों और हाथों में खुजली, शरीर पर लाल रंग के चकत्ते निकलना, रोग की गंभीर स्थिति में शरीर में सूजन आ सकती है.
डेंगू के गंभीर लक्षण : डेंगू की गंभीर स्थिति में रक्त की प्लेटलेट्स कम होने लगती है और रक्त को प्रवाहित करने वाली सूक्ष्म नसों (कैपिलरी) की दीवार के सूक्ष्म छिद्र बड़े हो जाते हैं. इसके कारण शरीर के अंदर ही रक्त का सीरम रिसने लगता है.
इस कारण शरीर में सूजन आ सकती है. पेट के अंदर और सीने में पानी आ जाता है जो गंभीर समस्या है. रोग की अधिक गंभीरता में शरीर पर लाल रंग की छोटी चित्तियां पड़ने लगती हैं और रोगी के शरीर में कहीं से भी खून आ सकता है. इस स्थिति को हेमोरेजिक डेंगू कहते हैं. इसमें रक्तदाब कम हो सकता है और पेशाब कम होता है. रोगी के रक्त में डेंगू पीसीआर या डेंगू आइजीजी या आइजीएम टेस्ट कराया जाता है.
उपचार
वायरल होने के कारण विभिन्न लक्षणों के आधार पर ही इसका इलाज किया जाता है.
पानी पिएं और विश्राम करें.
तेज बुखार होने पर चिकित्सक के परामर्श पर पारासीटामॉल की खुराक लें और ठंडे पानी से शरीर पोछें.
इब्रूप्रोफेन या एस्प्रिन नामक दवा बिल्कुल न लें.
प्लेटलेट्स जब तक 15000 से कम न हो, तब तक प्लेटलेट्स चढ़ाना ठीक नहीं है.
-इस बीमारी में धैर्य बनाये रखें और चिकित्सक पर किसी तरह का दबाव न डालें.
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