गोपालगंज : चुनाव की तपिश के बीच चुपके से किचेन तक महंगाई पहुंच चुकी है. गरीबों की थाली से पहले सब्जी तो अब दाल गायब है. गरीबों को प्याज-रोटी ही नसीब हो रही है. बीते 25 दिनों में अरहर की कीमतें थोक बाजार में 25 फीसदी बढ़ चुकी हैं.
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28% महंगी हुई दाल, सब्जी भी थाली से गायब
गोपालगंज : चुनाव की तपिश के बीच चुपके से किचेन तक महंगाई पहुंच चुकी है. गरीबों की थाली से पहले सब्जी तो अब दाल गायब है. गरीबों को प्याज-रोटी ही नसीब हो रही है. बीते 25 दिनों में अरहर की कीमतें थोक बाजार में 25 फीसदी बढ़ चुकी हैं. इसके साथ ही अन्य दालों की […]
इसके साथ ही अन्य दालों की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं. इसकी वजह से आम आदमी की थाली महंगी हो रही है. पिछले कुछ वर्ष दालों की कीमतें काफी कम रही हैं. कारोबारी परेशान थे, लेकिन अब दाल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं.
इससे पहले सब्जी की कीमतों में आग लगी हुई थी. हरी सब्जियां गरीबों की पहुंच से बाहर हो चुकी हैं. नेनुआ, लौकी, करैला तक 50 रुपये किलो बिक रहे हैं. परवल तो अभी 60 से ऊपर है. मिडिल क्लास के लोगों को अब महंगाई का एहसास होने लगा है.
होली के बाद तेजी से बढ़ा दाल का दाम
: अरहर की दाल होली के पहले थोक बाजार में 62 रुपये किलो थी, लेकिन यह अब 77 रुपये किलो हो चुकी है. थोक कारोबारी बलिराम प्रसाद के मुताबिक बेमौसम बारिश से फसल दागी हो गयी जिससे नुकसान हुआ है. फसल कम होने की आशंका में कीमतें बढ़ रही हैं.
खुदरा विक्रेता ईश्वर प्रसाद के मुताबिक दलहन की कीमत अभी बढ़ सकती है. थोक कारोबारी दाम बढ़ने के साथ ही तत्काल रेट बढ़ा लेते हैं, लेकिन जब रेट घटता है तो पुराना माल निकलने तक इंतजार करना पड़ता है. चुनाव के कारण भी कीमतों पर असर पड़ रहा है.
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