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9143 चापाकल रिजेक्ट, मरम्मती को विभाग के पास नहीं है योजना

अरुण मिश्र, गोपालगंज : गर्मी के मौसम का आगाज होने के साथ ही जिले के लोगों को बूंद-बूंद पानी के संकट से जूझना पड़ेगा. तेजी से पानी का लेयर भी गिर रहा है. अगले 15 दिनों में दो फुट लेयर गिरने की संभावना बनी हुई हैं. सरकारी तंत्र द्वारा लोगों तक पानी उपलब्ध कराने की […]

अरुण मिश्र, गोपालगंज : गर्मी के मौसम का आगाज होने के साथ ही जिले के लोगों को बूंद-बूंद पानी के संकट से जूझना पड़ेगा. तेजी से पानी का लेयर भी गिर रहा है. अगले 15 दिनों में दो फुट लेयर गिरने की संभावना बनी हुई हैं.

सरकारी तंत्र द्वारा लोगों तक पानी उपलब्ध कराने की सुविधा जिले में फेल साबित हो रही है. जिला लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने ग्रामीण व शहरी इलाकों में खराब पड़े 9143 चापाकलों को रिजेक्ट कर दिया है. अब इन बंद चापाकलों की मरम्मती पीएचइडी नहीं करायेगा. सरकार ने खराब चापाकलों की मरम्मत कराने पर रोक लगा दी है.
विभागीय सूत्रों के अनुसार अब जिले के लोगों को सिर्फ मुख्यमंत्री सात निश्चय योजनाओं में शामिल हर घर नल का जल योजना के तहत ही पानी की सप्लाइ मिलेगी. गांवों व शहर के वार्डों में लगाये गये चापाकल अब भगवान भरोसे हैं. आनेवाले समय में भी अगर चापाकल खराब हो जाते हैं तो विभाग उसकी मरम्मत नहीं करायेगा.
कछुए की चाल से हो रहा है योजना का संचालन : एक तरफ सरकार खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत नहीं करवा रही है और दूसरी तरफ जिले में हर घर नल का जल योजना की रफ्तार काफी धीमी है.
यह योजना जिले में कछुए के चाल जैसी चल रही है. जिले में अभी तक चारों नगर निकायों में योजना का काम पूरा नहीं हो पाया है. किसी भी वार्ड में नल से जल की सप्लाइ नहीं हो रही है.
वहीं, ग्रामीण इलाकों में भी अभी तक 10 प्रतिशत भी लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है. सरकार के निर्देशानुसार गांवों में स्थापित 3177 वार्डों में से तीन वित्तीय वर्षों में करीब दो हजार वार्डों में योजना पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन, अभी तक दो सौ वार्डों में भी लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है.
चापाकलों की मरम्मत नहीं होने और नल का जल योजना की गति धीमी होने से जिले के लोगों को इस साल गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत से जूझना पड़ेगा. जिस वार्ड में चापाकल खराब हैं और वहां नल-जल योजना नहीं पहुंची है, वहां तो हालत और भी खराब होगी.
यह स्थिति ग्रामीण इलाकों में अधिक देखने को मिलेगी. पीएचइडी ने ग्रामीण क्षेत्रों में 37752 चापाकल लगाये हैं, जिसमें से 7089 चापाकल खराब हैं. शहरी क्षेत्रों में 597 चापाकल लगाये गये हैं, जिसमें से 54 खराब हैं. अब इन चापाकलों की मरम्मत नहीं होने से संबंधित क्षेत्र के लोगों को पानी की किल्लत से जूझना होगा.
चापाकलों की स्थिति
ग्रामीण क्षेत्रों में लगे चापाकल- 39752
कार्यरत चापाकल- 30663
बंद सह रिजेक्ट चापाकल- 9089
शहरी क्षेत्रों में लगे चापाकल- 597
कार्यरत चापाकल- 543
बंद और रिजेक्ट चापाकल हैं 54
क्या कहते हैं अधिकारी
विभागीय दिशा-निर्देश के अनुसार खराब व बंद पड़े चापाकलों की मरम्मत करने का काम बंद कर दिया गया है. अब हर घर नल-जल योजना के तहत ही लोगों को पाइप लाइन बिछाकर पानी की सप्लाइ दी जायेगी.
विपुल कुमार नंदन, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी

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