भोरे : गुरुवार को भोरे थाने के लामीचौर पिम टोला गांव के पास हुए अर्जुन हत्याकांड में दूसरे दिन भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई. वहीं, 24 घंटे बाद पोस्टमार्टम से शव गांव वापस आया, जिसका शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया. हालांकि, अभी तक यह बात सामने नहीं आ पायी है कि अर्जुन की हत्या क्यों और कैसे की गयी. फिलहाल पुलिस को भी परिजनों के बयान का इंतजार है. सवाल यह भी है कि अपनी मौत से कुछ देर पहले कपड़ा बदल कर अर्जुन किस दोस्त से मिलने के लिए निकला था.
उसका मोबाइल किसके पास है. इन सवालों का जवाब खोजने में पुलिस जुटी हुई है. पुलिस का मानना है कि मोबाइल का सीडीआर हत्याकांड का राज को खोलेगा. डीलर के घर से अनाज लाते ही नहा-धोकर नये कपड़े पहन कर रेंजर साइकिल से अर्जुन आखिर किससे मिलने के लिए निकला था, जबकि विदेश से आये उसके भाई जितेंद्र राम इस इंतजार में था कि दोनों एक साथ खाना खायेंगे. तीन घंटे के बाद परजिनों को स्याही नदी में शव फेंके जाने की सूचना मिली. सूचना मिलते ही मां जसिया देवी चीत्कार में डूब गयी.
गांव के लोगों ने इस हत्या को साजिश के तहत बुला कर किये जाने की बात कही है, जबकि घटनास्थल पर पहुंची सफेद बोलेरो किसकी थी, इसकी जांच में भी पुलिस जुटी है. फिलहाल पुलिस इस मामले में कुछ भी बताने से परहेज कर रही है. बता दें कि गुरुवार को लामीचौर पिम टोला निवासी अर्जुन राम की हत्या कर शव को स्याही नदी के एक पोखर में फेंक दिया गया था. अर्जुन राम लामीचौर में ही एक बिल्डिंग मेटेरियल की दुकान पर पोलदारी का काम करता था. थानाध्यक्ष ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही उसकी हत्या पर पर्दा उठ सकेगा.