गोपालगंज : विदेश से छह दिनों में गोपालगंज आये 102 लोगों का पता नहीं है. प्रशासन इन्हें ट्रेसलेस मान रहा. ट्रेकिंग सेल ट्रेसलेस लोगों को ढूंढ रही है. डीएम अरशद अजीज ने 18 से 23 मार्च तक विदेश से आनेवाले सभी लोगों की कोरोना जांच कराने का निर्देश दिया है. प्रशासन के अनुसार 703 में अबतक 599 लोगों का ही सैंपल लिया गया है, जिनमें दो दिनों की जांच में तीन का रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुका है. डीएम ने इस पर चिंता जताते हुए विदेश से आये लोगों को कोरोना की जांच कराने के लिए अपील की है. डीएम ने कहा कि यह बीमारी घातक है. आपकी जान के साथ-साथ समाज के लोगों को खतरे में डाल सकती है. इसलिए समय रहते जांच कराएं. जांच और इलाज के साथ-साथ खाने-पीने का पूरा इंतजाम प्रशासन ने किया है. हालांकि कुछ लोग अपने मर्जी से सेंटरों पर पहुंचकर जांच कराएं हैं, जिनका रिपोर्ट निगेटिव निकला है. 3118 है कुल संख्या एक मार्च से विदेश से आनेवाले लोगों की कुल संख्या 3118 है. 11 से 24 मार्च तक कुल 1260 लाग आये हैं.
हालांकि प्रशासन 18 से 23 तक आनेवाले 703 लोगों की ही प्रथम राउंड में कोरोना की जांच कराने के लिए सैंपल लेने का निर्देश दिया है. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद 11 से 24 के बीच आये लोगों की जांच के लिए सैंपल लिया जायेगा. गोपनीय रखा जा रहा नाम व पता विदेशों से आनेवाले लोगों के नाम व पता को फिलहाल गोपनीय रखा जा रहा है. विभाग की ओर से कहा गया है कि ऐसे लोगों की पहचान सार्वजनिक नहीं करनी है. दो सप्ताह तक ऑब्जर्वेशन में रखे जाने के बाद 25 दिनों तक निगरानी में रखी जायेगी. रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें कोरोना वायरस से पूरी तरह से मुक्त माना जायेगा. इन देशों से आये हैं 91 लोग चीन, ईरान, दुबई, सउदी, बहरीन, ओमान, बांग्लादेश, मलयेशिया, सिंगापुर आदि हर रोज रिपोर्ट की जा रही तलब आइसोलेशन में रहनेवाले लोगों की सक्रिय रूप से मॉनिटरिंग हो रही है. पीएचसी की टीम हर रोज होम आइसोलेशन में रखे लोगों की देखभाल कर रिपोर्ट देगी. एक रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग की टीम के पास तथा दूसरी रिपोर्ट आपदा विभाग को दी जा रही है.जांच में सहयोग नहीं करने पर कार्रवाई सिविल सर्जन ने कहा कि विदेशों से आनेवाले लोगों को स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर दो सप्ताह तक आइसोलेशन में रखना और उसके बाद 25 दिनों तक निगरानी रखनी है.
कोरोना संक्रमण को लेकर जांच में सहयोग नहीं करने पर कार्रवाई का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि विदेशों से आनेवाले लोगों की जांच के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. इमरजेंसी वार्ड में बनाये गये आइसोलेशन वार्ड की स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है. साथ ही चार अन्य होटलों में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. हर रोज साफ-सफाई हो रही और दवा का छिड़काव किया गया. सरकारी निर्देशों का उल्लंघन करने पर छह माह की सजा होगीमहामारी कानूनी को लेकर जिला प्रशासन ने बढ़ायी और सख्ती फोटो नं. 4 गांव में कोरोना से बचाव की जानकारी देते अधिकारी संवाददाता, गोपालगंज कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज मिलने या विदेश से आये लोगों के बारे में परिजनों को स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देनी है. यदि कोरोना की संदिग्ध बीमारी होने के बाद छिपायी, तो महामारी कानूनी के तहत छह माह की सजा हो सकती है. सिविल सर्जन डॉ नंदकिशोर सिंह के ने बताया कि यह कानून किसी महामारी का प्रसार रोकने के लिए अतिरिक्त शक्तियां प्रदान करता है. इसमें सरकारी आदेश को न मानने पर गिरफ्तारी एवं सजा तक देने का प्रावधान है. हालांकि इसको लेकर प्रशासन की ओर से भी निर्देश दिया गया है. सीएस ने कहा कि कोरोना की बचाव जागरूकता है. समय रहते लोग जागरूक हो गये, तो बीमारी से मुक्ति पाना पूरी तरह से संभव है.