बोधगया. कुछ लोग किसी आकाश लामा के नेतृत्व में बोधगया की पवित्र धरती पर अनर्गल धरने के नाम पर झूठे बयान देकर सोशल मीडिया के माध्यम से देश की जनता को भ्रमित कर रहे हैं. पूरी दुनिया में ब्राह्मणवाद के खिलाफ जहर फैला रहे हैं. यह इनका अनर्गल और झूठा बयान है. इससे बोधगया की छवि देश- दुनिया में खराब हो रही है. उक्त बातें अखिल भारतीय भिक्षु महासंघ के अध्यक्ष भदंत आनंद महाथेरो ने रविवार को बोधगया के एक निजी होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में कही. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग भगवान बुद्ध और बाबा साहेब आंबेडकर के नाम पर आंदोलन कर रहे हैं, जिन्हें न तो भगवान बुद्ध के वास्तविक उपदेशों का ज्ञान है और न ही खुद के बारे में कुछ जानते हैं. बुद्ध ने कभी विद्वेष और हिंसा को प्रश्रय नहीं दिया व जो लोग समाज में विद्वेष फैला रहे हैं, कभी बुद्ध के अनुयायी नहीं हो सकते. उन्होंने स्पष्ट किया कि बोधगया के महाबोधि मंदिर पर ब्राह्मणों का कभी कब्जा नहीं रहा. शुरुआत में यह महंत घमंडी गिरी के संरक्षण में रहा. 1949 में भारत सरकार के अनुरोध पर एक समझौता बना, जिसके तहत एक्ट बनाकर एक समिति गठित की गयी थी व जिसमें चार बौद्ध और चार हिंदू के सदस्य समिति का संचालन करते हैं. आज इसमें चार बौद्ध और दो हिंदू ही सदस्य हैं. 1998 से बौद्ध ही सचिव हैं. इन्हें सत्यता की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें आंदोलन करना है तो उन भिक्षुओं के विरुद्ध करें, जो बड़े-बड़े बौद्ध मठों में विलासिता का जीवन जी रहे हैं. ऐसे लोग इस देश में अनुसूचित जाति का भी लाभ ले रहे हैं और दूसरे तरफ बौद्ध भी बने हुए हैं. भदंत आनंद ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि इन आंदोलनकारी लोगों द्वारा जो झूठी अफवाह फैलायी जा रही है. अगर इसे बोधगया के पवित्र धरती पर कोई हिंसा होगी तो यही लोग जिम्मेदार होंगे. इस मौके पर अखिल भारतीय भिक्षु महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव भिक्षु बीपी थेरो, ज्योति सहित अन्य मौजूद थे.
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