गया.
जिला में जेइ-एइएस व हीट स्ट्रोक के जोखिमों को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण कार्यक्रम 15 से 25 अप्रैल तक सभी प्रखंडों में आयोजित किया जायेगा. यह प्रशिक्षण सभी एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, पंचायती राज प्रतिनिधि, सभी विद्यालयों से एक शिक्षक तथा सभी ग्रामीण चिकित्सकों को दिया जा रहा है. प्रशिक्षण के लिए सिविल सर्जन डॉ राजाराम प्रसाद के निर्देश पर चिकित्सकों की टीम तैयार की गयी है. इस टीम में डीवीबीडीसीओ डॉ एमइ हक, डीआइओ डॉ राजीव अंबष्ट व संचारी रोग पदाधिकारी डॉ पंकज सिंह शामिल हैं. इस क्रम में डुमरिया प्रखंड में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ एमइ हक ने बताया कि गर्मी के मौसम की शुरुआत हो गयी है. ऐसे में बच्चे, गर्भवती व धात्री माताएं, वृद्धजन व पूर्व से गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग जोखिम में पड़ सकते हैं. इन लोगों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी. गरम हवाओं, लू लगने के सामान्य लक्षण के रूप में अधिक पसीना आना, तेज गति से सांस का चलना, मांसपेशियों में दर्द, मितली, उल्टी या दस्त या दोनों हो सकता हैं. अत्यधिक प्यास लगती है और तेज बुखार आ सकता है. कभी-कभी बेहोशी भी हो सकती है. इसके लिए गाइडलाइन का पालन आवश्यक रूप से करें. प्रशिक्षण के दौरान एइएस-जेइ व हीट स्ट्रोक होने पर प्रतिभागियों के दायित्वों पर भी चर्चा की गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है