Vishnupad Mandir: बिहार स्थित मोक्ष नगरी गयाजी में हर साल देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालु अपने पूर्वजों को मुक्ति दिलाने के लिए पिंडदान करने आते हैं. गयाजी स्थित सुप्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर में भगवान विष्णु के चरण मौजूद हैं. यहां रोजाना हजारों की संख्या में लोग पूजा-पाठ के लिए आते हैं. केंद्र सरकार ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर ही गयाजी स्थित इस विष्णुपद मंदिर का विकास करने का फैसला लिया है.
करोड़ों रुपये होंगे खर्च
केंद्र सरकार की इस योजना पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाएंगे. अनुमान लगाया जा रहा है कि 22 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गयाजी आगमन पर इस परियोजना का शिलान्यास कर सकते हैं. इसके अलावा गयाजी के पांच तालाबों, कल्चर सेंटर और सीताकुंड को भी विष्णुपद मंदिर से जोड़ने की तैयारी है.
इन योजनाओं पर होने वाले संभावित खर्च
बता दें कि विष्णुपद कॉरिडोर के निर्माण पर केंद्र सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. इन योजनाओं के तहत होने वाले संभावित खर्च इस प्रकार हैं:
- विष्णुपद मंदिर परिसर का विकास: 30 लाख रुपए
- फल्गु नदी के विभिन्न घाटों का विकास: 65 करोड़ रुपए
- तुलसी पार्क का विकास: 12 करोड़ रुपए
- विष्णुपद मंदिर से सीताकुंड का सीधा जुड़ाव: 71.61 करोड़ रुपए
- लॉर्ड विष्णु कल्चर सेंटर: 81.19 करोड़ रुपए
- पर्यटकों के लिए सुविधाएं: 10 करोड़ रुपए
- स्किल डेवलपमेंट: 20 करोड़ रुपए
- पांच तालाबों का सौंदर्यीकरण: 108 करोड़ रुपए
- प्रेतशिला रोपवे के पास सुविधाएं: 2.36 करोड़ रुपए
- ढूंगेश्वरी रोपवे के पास सुविधाएं: 5.34 करोड़ रुपए
- ब्रह्मायोनि रोपवे के पास सुविधाएं: 2.44 करोड़ रुपए
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पीएम दे सकते हैं सौगात
जानकारी मिली है कि योजना के तहत और भी कई सुविधाओं पर खर्च किया जाएगा. विष्णुपद मंदिर परिसर के साथ-साथ पिंडदान करने वाले स्थानों (पिंडवेदियों) का भी पुनर्विकास होना है. प्रधानमंत्री मोदी के गयाजी के मगध विश्वविद्यालय परिसर में आने की खबर के बाद से ही लोगों के बीच विष्णुपद कॉरिडोर की चर्चा जोरों पर है. लोगों को उम्मीद है कि पीएम मोदी 22 अगस्त को इस योजना का शिलान्यास कर देशवासियों को एक बड़ी सौगात देंगे.
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