सबसे अधिक गरीबों का शोषण लालू-राबड़ी शासन में हुआ
वरीय संवाददाता, गया.
राजद ने पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में मुसहर भुइंया संवाद सम्मेलन का आयोजन किया है. राजद कार्यकर्ता दलित टोलों में प्रलोभन दे रहे हैं. लेकिन, उनके किसी भी प्रलोभन या छलावा में गरीब-गुरबा मांझी मुसहर परिवार आने वाले नहीं है. 90 के दशक में एक साथ होकर लालू यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन, बदले में समाज को अपमान मिला. इस जाति की भूमि पर कब्जा किया गया. यह बातें हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नंदलाल मांझी व हम नेता अधिवक्ता शंकर मांझी ने सोमवार को कहीं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा, रोजगार व शिक्षा के उद्देश्य से लालू-राबड़ी का समर्थन किया. लेकिन, राजद कार्यकर्ताओं व उनके गुर्गों ने इस समाज पर अत्याचार किया. जीवन की मूलभूत सुविधा रोटी, कपड़ा और मकान के लिए हम लोग बेबस हैं. किसी भी मुसहर के बेटे को बिहार में लोकसभा में एक टिकट तक नहीं दिया. राजनीतिक हिस्सेदारी इस समाज की तरक्की नहीं हो सकती है. दलित टोले, मांझी टोले और मुसहर परिवार के बीच जाकर माफी मांगनी चाहिए. उनको प्रायश्चित करना चाहिए कि हमसे दोबारा ऐसी गलती नीं होगी. हम पार्टी बनी है, जो समाज के सबसे अंतिम पायदान पर रहने वाले लोगों को नेतृत्व का मौका दे रही है. उनका सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की बात कह रही है. गरीब समाज जाग चुका है, अब उनके झांसे और छलावा में आने वाला नहीं है गरीब-गुरब परिवार जीतनराम मांझी और नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार करता है. पूरे बिहार में 40000 से अधिक मुसहर भुइंया समाज के लोगों को टोला सेवक, विकास मित्र और तालीमी मरकज के रूप में समायोजन कर आर्थिक रूप से सशक्त किया गया. तेजस्वी यादव आरक्षण के वर्गीकरण का समर्थन क्यों नहीं करते हैं. मौके पर पार्टी के जिला उपाध्यक्ष सुधीर यादव, जिला संगठन सचिव रामस्नेही मांझी आदि मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है